सादगी से मनाई जाएगी रामनवमी, नहीं निकलेगा अखाड़ा व जुलूस

बुधवार को रामनवमी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस वर्ष कोरोना के कारण जिले में किसी तरह का अखाड़ा और जुलूस नहीं निकलेगा। जगह-जगह मंदिर समिति की ओर से मंदिरों में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए पूजा-अर्चना की जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 03:16 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 03:16 AM (IST)
सादगी से मनाई जाएगी रामनवमी, नहीं निकलेगा 
अखाड़ा व जुलूस
सादगी से मनाई जाएगी रामनवमी, नहीं निकलेगा अखाड़ा व जुलूस

जासं, धनबाद: बुधवार को रामनवमी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस वर्ष कोरोना के कारण जिले में किसी तरह का अखाड़ा और जुलूस नहीं निकलेगा। जगह-जगह मंदिर समिति की ओर से मंदिरों में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए पूजा-अर्चना की जाएगी। वहीं मंदिर में आनेवाले लोगों के लिए शारीरिक दूरी का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं जिला प्रशासन ने भी शहर के विभिन्न मंदिर कमेटी से भी पर्व के दौरान गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करने की हिदायत दी है। वहीं घरों में भी लोग अपने आंगन में बांस के सिरे पर महावीरी ध्वज लगाकर पूजा अर्चना करेंगे। महावीरी ध्वज व अन्य पूजा सामग्री की हुई बिक्री: रामनवमी को लेकर मंगलवार को बाजार में काफी चहल-पहल देखी गई। इसके लिए शहर में झंडा व बांस व मिठाई दुकानों में लोगों की अच्छी खासी भीड़ देखी गई। शहर के पुराना बाजार, हीरापुर बाजार, सरायढ़ेला, धैया सहित अन्य बाजारों में पूजा समाग्री की बिक्री हो रही है। साथ ही शहर के चौक-चौराहों में महावीरी ध्वज की दुकानें सजी हुई थी। -मुहूर्त:

रामनवमी मध्याह्न मुहूर्त: 11:02 मिनट से दोपहर 1:38 मिनट तक

अवधि 2:36 मिनट राम नवमी मध्याह्न का क्षण: 12:20 बजे

नवमी तिथि प्रारंभ: 21 अप्रैल 12:43 बजे से समाप्त: 22 अप्रैल 12:35 बजे तक। नहीं निकलेगा रामनवमी का अखाड़ा

इस बार भी रामनवमी पर केंदुआ बाजार में अखाड़ा नही निकाला जाएगा। लोग घरों में ही पूजा करेंगे। इस मामले को लेकर मंगलवार को सभी अनुज्ञप्तिधारी अखाड़ा समितियों की बैठक केंदुआडीह थाना प्रभारी विनोद उरांव के नेतृत्व में हुई। समितियों को कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया गया। यह बताया गया कि अपने घर मे ही लोग पूजा करें। बिना कारण घर से नहीं निकलें। राज्य सरकार और जिला प्रशासन की ओर से जो दिशा निर्देश दिए गए हैं उसका पालन सभी को करना हैं। बैठक के दौरान अखाड़ा जुलूस नहीं निकालने पर सहमति बनी। सभी समितियों ने इस निर्णय का स्वागत किया।

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