रैयतों ने कहा- जमीन के साथ चाहिए रोजगार भी

धनबाद अग्नि व भू-धंसान प्रभावित क्षेत्र के रैयतों के साथ शनिवार को जिला प्रशासन व बीसीसीएल के प

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 09:40 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 09:40 PM (IST)
रैयतों ने कहा- जमीन के साथ चाहिए रोजगार भी
रैयतों ने कहा- जमीन के साथ चाहिए रोजगार भी

धनबाद : अग्नि व भू-धंसान प्रभावित क्षेत्र के रैयतों के साथ शनिवार को जिला प्रशासन व बीसीसीएल के पदाधिकारियों ने संवाद किया। बैठक में विभिन्न क्षेत्रों के 325 रैयतों ने भाग लिया। इनमें 25 ने अपनी बात प्रबंधन के समक्ष रखी और शेष ने लिखित मांगपत्र सौंपा। सभी ने एक स्वर से कहा कि उन्हें फ्लैट नहीं चाहिए। आवास के लिए उन्हें जमीन का प्लॉट दिया जाए। उस जमीन पर अपनी सुविधानुसार घर बनाने के लिए उन्हें झरिया पुनर्वास व विकास प्राधिकार (जेआरडीए) राशि मुहैया कराए। जमीन के बदले बीसीसीएल में नियोजन की शर्त भी रैयतों ने रखी। कहा कि मूलभूत सुविधाएं जेआरडीए मुहैया कराए। जिला प्रशासन भी इस प्रस्ताव पर लगभग सहमत दिखा। खतरे व प्रदूषण से निजात चाहते हैं रैयत :

न्यू टाउन हॉल में आयोजित संवाद में झरिया, लोदना, गोधर, ब्लॉक 2, गडरिया, भौंरा, केंदुआडीह, पुटकी बलिहारी सहित अन्य क्षेत्र के रैयतों ने भाग लिया। रैयतों की मांग थी कि प्रस्तावित स्मार्ट सिटी में जिस रैयत के पास जितनी जमीन है, उस अनुपात में प्लॉट दिया जाए। रैयतों का कहना था कि भवन बनाने के लिए जो रकम दी जाएगी वह भी मुआवजा के तहत होनी चाहिए। वर्तमान में जिस रैयत का जैसा मकान है वे वैसा बना सकें। अधिकांश रैयतों की मांग थी कि अलग जगह होने की वजह से रोजगार प्रमुख समस्या बनकर उभर सकती है। लिहाजा रैयतों के लिए स्थायी रोजगार के साधन भी उपलब्ध कराए जाएं। इसके लिए विस्थापितों को बीसीसीएल में नौकरी दी जाए।

पहली बार पुनर्वास के मामले में अधिकांश रैयत सहमत दिखे। उनका कहना था कि वे भी अग्नि व भू-धंसान क्षेत्र के खतरों से वाकिफ हैं और उससे निजात चाहते हैं। परियोजना के करीब रहने की वजह से वे प्रदूषण की मार भी झेल रहे हैं। इससे मुक्ति मिले यह सभी की इच्छा है लेकिन आर्थिक तौर पर किसी को नुकसान नहीं होना चाहिए। लिहाजा जेआरडीए रैयतों को एकमुश्त मुआवजा का भुगतान करे और नियोजन दे तो सभी सहर्ष नई कॉलोनी में शिफ्ट हो जाएंगे। रैयतों ने पुनर्वास से पहले जेआरडीए से मुआवजा प्लान की घोषणा करने की मांग भी रखी। जेआरडीए करे ये काम :

रैयतों की मांग थी कि प्रस्तावित स्मार्ट सिटी में जेआरडीए सड़क, नाली, बिजली, जलापूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराए। उसके रखरखाव की व्यवस्था भी करे। विद्यालयों व चिकित्सालय की भी उम्दा व्यवस्था हो। आवागमन की सार्वजनिक व्यवस्था की जाए। मौजूदा ग्रामीण परिवेश की तरह रैयतों को मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा बनाने के लिए जमीन दे। सामुदायिक भवन भी बनाए जाएं। कॉलोनी वर्तमान गांवों की तरह हों जहां एक गांव के लोग ही पहले की तरह पड़ोसी हों। बाजार का निर्माण किए जाएं जिसमें वर्तमान में गांवों में जिनकी दुकानें हैं उन्हें दुकान आवंटित किया जाए। रोजगार के अन्य साधनों को विकसित करने के लिए जगह रहे। रैयतों की सुविधा व सुरक्षा को देखकर ही होगा पुनर्वास : उपायुक्त

सुझाव सुनने के बाद उपायुक्त ने कहा कि भारत सरकार अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित करने के लिए गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है। रैयतों की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए पुनर्वास पॉलिसी बनाई जाएगी। सब जगह बेलगडिय़ा मॉडल लागू नहीं होगा। जनभागीदारी के साथ रैयतों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर पॉलिसी बनाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि संवाद के दौरान बेहतर सुझाव को सूचीबद्ध कर लिया गया है। जिला प्रशासन ने पुनर्वास को गंभीरतापूर्वक लिया है। रैयत जिला प्रशासन पर विश्वास रखें। संवाद के दौरान जो भी सुझाव आए हैं। वे भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे। इसका सकारात्मक परिणाम उभर कर सामने आएगा। नियोजन के लिए परिवार में सहमति बनाना आपका काम : सीएमडी

संवाद के दौरान बीसीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा कि जमीन के बदले नियोजन की जहां तक बात है तो उस मामले में हमारी नीति साफ है। अब तक के नियमों के मुताबिक दो एकड़ जमीन पर एक व्यक्ति को नियोजन मिलता है। जिन रैयतों की दो एकड़ जमीन होगी उन्हें नियोजन दिया जाएगा। हालांकि परिवार में यदि चार भाई हैं तो नियोजन एक को मिलेगा। आपस में इस बात की सहमति रैयतों को ही बनानी होगी। अन्य के लिए रोजगार के अन्य साधन मुहैया कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बीसीसीएल के सभी क्षेत्रों में समाधान केंद्र खोले गए हैं। यहां प्रत्येक गुरुवार को एरिया जनरल मैनेजर लोगों की समस्या को सुनेंगे। सीएमडी ने सभी एरिया जनरल मैनेजर को ईमानदारी पूर्वक समाधान केंद्र चलाने और रैयतों की बातों को सुनने का निर्देश दिया। सीएमडी ने रैयतों को बीसीसीएल पर भरोसा रखने एवं नया अध्याय लिखने में सहभागिता निभाने का अनुरोध किया। बैठक में ये थे उपस्थित :

बैठक उप विकास आयुक्त दशरथ चंद्र दास, अपर समाहर्ता श्याम नारायण राम, जेआरडीए प्रभारी पदाधिकारी मोहम्मद गुलजार अंजुम, जेआरडीए परामर्शी सुनील दलेला, बीसीसीएल के सभी एरिया जनरल मैनेजर तथा अन्य संबंधित पदाधिकारी तथा विभिन्न क्षेत्र से आए रैयत शामिल थे। अब आगे क्या :

सोमवार से रैयतों की ओर से रखी गई मांगों को सूचीबद्ध किया जाएगा। इसे जेआरडीए की बैठक में रखा जाएगा ताकि इन मांगों पर राज्य व केंद्र सरकार (कोयला मंत्रालय) से सहमति बनाई जा सके। जेआरडीए के प्रभारी पदाधिकारी गुलजार अंजुम के मुताबिक प्रमुख मांगों को प्रस्ताव में शामिल किया जाएगा। इसे स्मार्ट सिटी योजना के प्रस्ताव में शामिल किया जाएगा। हाई पावर कमेटी यदि इस पर सहमत होती है तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। 27 को कोयला सचिव करेंगे बैठक :

27 जनवरी को कोयला सचिव अनिल जैन स्मार्ट सिटी के मुद्दे पर वीडियो संवाद करेंगे। संवाद में उपायुक्त उमाशंकर सिंह, बीसीसीएल सीएमडी गोपाल सिंह, कोल इंडिया व झारखंड सरकार के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। मुख्य सचिव के भी वीसी में शामिल होने की संभावना है। बैठक में स्मार्ट सिटी व जेआरडीए के तहत अब तक किए गए पुनर्वास पर चर्चा होगी।

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