सिदरी क्षेत्र के रैयतों ने झरिया अंचल कार्यालय पर किया प्रदर्शन

झरिया-सिदरी सिदरी क्षेत्र के रैयतों ने हर्ल कंपनी को जबरन भूमि हस्तांतरण के विरोध में श्

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 09:27 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 09:27 PM (IST)
सिदरी क्षेत्र के रैयतों ने झरिया अंचल कार्यालय पर किया प्रदर्शन
सिदरी क्षेत्र के रैयतों ने झरिया अंचल कार्यालय पर किया प्रदर्शन

झरिया-सिदरी : सिदरी क्षेत्र के रैयतों ने हर्ल कंपनी को जबरन भूमि हस्तांतरण के विरोध में शनिवार को झरिया अंचल कार्यालय के पास प्रदर्शन किया। झरिया के सीओ की ओर से भूमि हस्तांतरण के लिए आम इश्तेहार चिपकाने पर नाराजगी जताई। रैयतों ने कहा कि इश्तेहार में सिदरी मौजा के अंतर्गत 142. 42 एकड़ भूमि हर्ल को हस्तांतरित करने से पूर्व सिदरी के आम व खास रैयतों से 31 अक्टूबर तक साक्ष्य सहित आपत्ति या दावा प्रस्तुत करने का समय दिया गया था। सीओ व एफसीआइ सिदरी प्रबंधन रैयतों के साथ अन्याय कर रहा है। रैयत छोटन चटर्जी ने कहा कि सिदरी एफसीआइ कारखाना के निर्माण के लिए 1948 में शहरपुरा, रोड़ाबांध, डोमगढ़ और सिदरी मौजा की छह हजार एकड़ भूमि अधिग्रहण किया गया था। इससे सैकड़ों रैयतों को विस्थापित होना पड़ा। प्रबंधन ने विस्थापित रैयतों को अपनी अधिग्रहित भूमि पर बसा दिया। लेकिन आज तक विस्थापन प्रमाण पत्र नहीं दिया। 70 वर्षों के बाद भी सिदरी के विस्थापित रैयतों को उनकी पहचान नहीं मिली है। पूर्वजों को समुचित मुआवजा भी नहीं दिया गया। मौके पर रवि लाल हेंब्रम, नुनू लाल टुडू, भोला नाथ, पूरण सिंह, रोबिन सोरेन, लागेन हेंब्रम, गणेश, मदन, शिवलाल, जितेंद्र आदि थे।

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