Railway recruitment exam:जांच में लगे 10 साल, अब दर्ज हुआ अपनी जगह दूसरे को परीक्षा में बैठाने वाले पर केस

Railway recruitment exam फर्जीवाड़ा की जानकारी मिलने के बाद जांच शुरू की गई। जांच के क्रम में उसकी लिखावट पूर्व में दिए गए आवेदन की लिखावट से मेल नहीं खाई। हस्ताक्षर भी अलग थे।

By MritunjayEdited By: Publish:Tue, 18 Aug 2020 09:19 AM (IST) Updated:Tue, 18 Aug 2020 09:19 AM (IST)
Railway recruitment exam:जांच में लगे 10 साल, अब दर्ज हुआ अपनी जगह दूसरे को परीक्षा में बैठाने वाले पर केस
Railway recruitment exam:जांच में लगे 10 साल, अब दर्ज हुआ अपनी जगह दूसरे को परीक्षा में बैठाने वाले पर केस

बोकारो, जेएनएन। Railway recruitment exam  Railway recruitment exam रेलवे की जांच में 10 साल लगे। सोमवार को बोकारो के सेक्टर 12 थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई। यह मामला रेलवे के सहायक स्टेशन मास्टर (एएसएम) पद के लिए हुई परीक्षा में अपनी जगह दूसरे परीक्षार्थी को शामिल कराने से जुड़ा है। इस पूरे मामले ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ रलवे की गति क्या है? 

13 जून 2010 को बोकारो के सेक्टर 12 के स्कूल में दूसरे के नाम पर परीक्षा देने वाले छात्र की सूचना मिलने के बाद रेलवे के सतर्कता विभाग ने जांच शुरू की थी। इसे पूरा करने में दस साल चार दिन लग गए। इस मामले में रेलवे भर्ती बोर्ड, रांची के कनिष्ठ अनुवादक रोहित कुमार ने थाने में लिखित शिकायत दी है। इसमें उन्होंने बताया है कि 13 जून, 2010 को बोकारो इस्पात विद्यालय में परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें नालंदा के रहुई निवासी कमलेश कुमार दीक्षित को बतौर अभ्यर्थी शामिल होना था, लेकिन उसने अपने बदले किसी और को परीक्षा में बैठा दिया था।

फर्जीवाड़ा की जानकारी मिलने के बाद जांच शुरू की गई। जांच के क्रम में उसकी लिखावट पूर्व में दिए गए आवेदन की लिखावट से मेल नहीं खाई। हस्ताक्षर भी अलग थे। इस बात का खुलासा होने पर विजिलेंस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। केंद्रीय फोरेंसिक लैब से कॉपी व आवेदन की जांच पूरी होने और फाइल को रांची से दिल्ली तक सफर तय करने में 10 साल लग गए। हालांकि फर्जी अभ्यर्थियों का रिजल्ट रोक दिया गया था। इनमें दो लोग रांची तथा एक बोकारो केंद्र पर परीक्षा दे रहे थे। इस कारण तीन सीटों को रिक्त रखा गया था। अब रांची व बोकारो पुलिस इन तीनों की खोज में जुटी है।

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