रेलवे अब नहीं बनाएगा कोविड स्पेशल कोच

कोरोना की दूसरी लहर से जंग लड़ने को रेलवे के यात्री डिब्बे अब कोविड कोच के रूप में विकसित नहीं होंगे। तकरीबन 13 हजार संक्रमित मरीजों वाले धनबाद को लेकर रेलवे की राय बदल गई है। रेलवे ने मान लिया है कि अब खतरा अब टल गया है और इस वजह से धनबाद और गोमो कोचिग डिपो में बन रहे कोविड कोच के निर्माण पर रोक लगा दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 06:40 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 06:40 AM (IST)
रेलवे अब नहीं बनाएगा कोविड स्पेशल कोच
रेलवे अब नहीं बनाएगा कोविड स्पेशल कोच

तापस बनर्जी, धनबाद : कोरोना की दूसरी लहर से जंग लड़ने को रेलवे के यात्री डिब्बे अब कोविड कोच के रूप में विकसित नहीं होंगे। तकरीबन 13 हजार संक्रमित मरीजों वाले धनबाद को लेकर रेलवे की राय बदल गई है। रेलवे ने मान लिया है कि अब खतरा अब टल गया है और इस वजह से धनबाद और गोमो कोचिग डिपो में बन रहे कोविड कोच के निर्माण पर रोक लगा दिया गया है। आदेश जारी होते ही कैरेज एंड वैगन विभाग के कर्मचारियों ने काम रोक दिया गया है।

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धनबाद में 10 और गोमो में बन रहे थे 12 कोविड कोच

आपात परिस्थिति में रेलवे कर्मचारियों और आम नागरिकों को बेड की कमी से न जूझना पड़े इसके मद्देनजर धनबाद में 10 और गोमो में 12 कोविड कोच बन रहे थे। इसके लिए स्लीपर कोच के बीच वाली सीट को खोल दिया गया था। एक ओर के शौचालय का स्वरूप बदल कर उसे स्नानागार बना दिया गया था। प्रत्येक कोच में 16 बेड बनाए जा रहे थे। रेलवे ने 352 कोविड बेड तैयार करने की तैयारी की थी। पर एकाएक इस पर रोक लग गई। --इनसेट--

पिछले साल नौ महीने खड़ी थी 30 कोविड कोच

रेलवे ने पिछले साल 30 कोविड कोच का निर्माण कराया था।नौ महीने तक बगैर इस्तेमाल के सभी कोच बेकार पड़े रहे। बाद में उत्तर प्रदेश सरकार ने 10 कोच मांगे भी पर रखने की जगह न होने की वजह से नहीं लिए और धनबाद से गई कोविड कोच बरकाकाना में खड़ी रही। 480 बेड वाले कोविड कोच तैयार करने में लाखों रुपये खर्च भी हुए मगर एक भी बेड का इस्तेमाल नहीं हुआ। आखिरकार जनवरी से धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस के 24 कोच के साथ चलने के दौरान कोविड कोच को खोलकर उनका इस्तेमाल स्लीपर कोच के तौर पर शुरू हुआ।

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कोविड कोच का निर्माण फिलहाल रोक दिया गया है। हालांकि तैयारी पूरी रखी जा रही है। आपात परिस्थिति में तीन-चार दिनों में कोविड कोच तैयार कर दिए जाएंगे।

अखिलेश कुमार पांडेय, सीनियर डीसीएम

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