बोले धनबाद के जनप्रतिनिधि- फ्लैट की जगह रैयतों को दें प्लॉट

धनबाद झरिया पुनर्वास व विकास प्राधिकार (जेआरडीए) ने प्रस्तावित स्मार्ट सिटी के निर्माण पर मं

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 10:03 PM (IST) Updated:Tue, 12 Jan 2021 10:03 PM (IST)
बोले धनबाद के जनप्रतिनिधि- फ्लैट की जगह रैयतों को दें प्लॉट
बोले धनबाद के जनप्रतिनिधि- फ्लैट की जगह रैयतों को दें प्लॉट

धनबाद : झरिया पुनर्वास व विकास प्राधिकार (जेआरडीए) ने प्रस्तावित स्मार्ट सिटी के निर्माण पर मंगलवार को जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। उपायुक्त सह जेआरडीए के प्रबंध निदेशक उमाशंकर सिंह व बीसीसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक गोपाल सिंह ने संयुक्त रूप से स्मार्ट सिटी में दी जाने वाली सुविधाओं पर जिले के तमाम जनप्रतिनिधियों की राय मांगी। इस बात पर भी चर्चा हुई कि स्मार्ट सिटी के वाशिदों को जमीन का प्लॉट दिया जाए या फ्लैट बनाकर दिया जाए। अधिकांश जनप्रतिनिधियों की राय थी कि निवासियों को जमीन का प्लॉट दे दिया जाए और आवास बनाने के लिए सरकार की ओर से सहयोग किया जाए। वर्क प्लेस के नजदीक बने टाउनशिप : पीएन सिंह

बैठक में सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने कहा कि लोगों की व्यवहारिक समस्या को ध्यान में रखते हुए उन्हें पुनर्वासित करना चाहिए। लोगों को उनके कार्यस्थल के नजदीक आवास दिया जाना चाहिए। अग्नि प्रभावित इलाके में रहने वाले लोगों के बीच रोजगार सबसे बड़ी समस्या है। सांसद ने कहा कि बीसीसीएल को स्मार्ट सिटी के निर्माण के लिए यह बताना होगा कि वह कितनी जमीन दे सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि बीसीसीएल ओवरबर्डन और तालाब को समतल करे। जिस स्थान से कोयला निकाल लिया गया है, वहां माइंस एक्ट के अनुसार जमीन को समतल कर उसे पूर्व की स्थिति में लाए। वहीं पर स्मार्ट सिटी बसाए। अन्यत्र जमीन ढूंढ़ने की जरूरत नहीं। रैयतों के अधिकार रहे सुरक्षित : मथुरा

टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि बीसीसीएल ने जिस मकसद से लोगों की जमीन अधिग्रहित की है उसका पालन करे। यह भी सुनिश्चित करे कि बीसीसीएल एवं रैयत के बीच किसी प्रकार का कोई विवाद उत्पन्न न हो। पुनर्वास के दौरान रैयतों के अधिकार सुरक्षित रहे। उन्होंने जेआरडीए से रैयतों के मुआवजा प्लान निर्धारित करने को कहा। पुनर्वास के लिए कट ऑफ डेट पर भी दो टूक निर्णय लेने को कहा। रैयतों को मिले घर जैसा माहौल : राज

धनबाद विधायक राज सिन्हा ने कहा कि बीसीसीएल सर्वे करके एलटीएच एवं नॉन एलटीएच की वास्तविक संख्या की जानकारी दे। जैसे माहौल में रैयत रह रहे हैं उन्हें वैसा माहौल मिले। उन्होंने कहा कि रैयत फ्लैट में रहना नहीं चाहते। उन्हें जमीन का प्लॉट दिया जाए और अपने अनुसार आवास बनाने के लिए सुविधाएं दी जाए। उन्होंने रैयतों के लिए मुआवजा प्लान की घोषणा पहले करने की मांग की। सिन्हा ने भी कट ऑफ डेट पर संशोधित निर्णय लेने को कहा। झरिया विधायक ने सुझाया 4सी का फॉर्मूला :

झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने 4सी का फार्मूला सुझाया। उन्होंने 2004 के सर्वे को कट ऑफ को नहीं मानने, लोगों का कलस्टर मूवमेंट कराने, समय पर कंपनसेशन देने तथा कंट्री साइड में बनने वाली स्मार्ट सिटी में लोगों को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सफाई जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि लोगों में यह विश्वास जगाना होगा कि जो उनसे बोला गया है वही उन्हें मिलेगा। सिटी के साथ स्मार्ट विलेज भी बनाएं : इंद्रजीत

सिदरी विधायक इंद्रजीत महतो ने स्मार्ट सिटी के साथ स्मार्ट गांव बनाने का सुझाव दिया। कहा कि इसके लिए लोगों को स्मार्ट बनाना जरूरी है। यह तभी होगा जब खदानों के पिट वाटर से आसपास के गावों को सिचित किया जाए। इससे किसान अधिक से अधिक फसल लेंगे। उन्हें रोजगार के लिए अन्यत्र नहीं जाना होगा। बीसीसीएल ने तमाम जल स्त्रोतों को नष्ट कर दिया है। उन्हें फिर से दुरुस्त करना होगा। ग्रामीणों को लौटाएं जमीन : अपर्णा

निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने कहा कि निरसा क्षेत्र में कई गांव हैं जहां खनन गतिविधि पहुंच चुकी है। स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया गया है। लोग अवैध उत्खनन में मर रहे हैं। ऐसी जमीन को समतल बनाकर उसे ग्रामीणों को लौटाया जाए जहां खनन पूरा हो चुका है। उन्होंने ग्रामीणों को रोजगार दिलाने का सुझाव दिया। कहा एक बार सारी सुविधाएं दे देने से नहीं होगा। उसे बरकरार रखना होगा। जनप्रतिनिधियों पर है रैयतों का विश्वास : उपायुक्त उपायुक्त ने कहा कि भू-धंसान एवं अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को जनप्रतिनिधियों पर विश्वास है। इसलिए जेआरडीए की पॉलिसी मेकिग मीटिग में जनप्रतिनिधियों को शामिल कर उनकी राय मांगी जाएगी। जिला प्रशासन एवं बीसीसीएल का प्रयास है कि बीसीसीएल के पास जो जमीन उपलब्ध है उस पर स्मार्ट सिटी का बेहतर तरीके से निर्माण कराया जाए।

स्मार्ट सिटी में होगी सारी बुनियादी सुविधाएं : सीएमडी बीसीसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ने कहा कि स्मार्ट सिटी में सारी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होगी। यह देश के प्रधानमंत्री का विजन है। उन्होंने कहा कि भू-धंसान एवं अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले हजारों परिवार कष्ट में है। उनके लिए एक ऐसी टाउनशिप का निर्माण होगा जहां हर सुख सुविधा होगी। इसके निर्माण के पश्चात वर्षों से चली आ रही समस्या का निदान होगा।

16 को होगी रैयतों संग बैठक :

स्मार्ट सिटी पर आम राय बनाने के जिला प्रशासन व बीसीसीएल प्रबंधन की नीति के तहत अगली बैठक 16 जनवरी को की जाएगी। इसमें अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रहनेवाले लीगल टाइटल होल्डर (एलटीएच) शामिल रहेंगे। रैयतों की अधिक संख्या को देखते हुए यह बैठक न्यू टाउन हॉल में रखी गई है। बैठक में उपायुक्त व बीसीसीएल सीएमडी मौजूद रहेंगे। इस दौरान उन्हें पुनर्वास के लिए सहमत करने का प्रयास किया जाएगा। विवेकानंद जयंती के दौरान बैठक पर नाराजगी :

मंगलवार को विवेकानंद जयंती होने की वजह से सभी जनप्रतिनिधि व्यस्त थे। उन्होंने बैठक के दौरान इस पर नाराजगी भी जताई। कहा कि किसी अन्य दिन बैठक रखनी चाहिए थी। सांसद पीएन सिंह व्यस्तता की वजह से अपना भाषण समाप्त कर वहां से निकल गए। विधायक राज सिन्हा भी बैठक में देर से पहुंचे। गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी बैठक में उपस्थित नहीं हुए। स्मार्ट सिटी के लिए रखना चाहिए था पूरा खाका :

विधायक राज सिन्हा ने बताया कि स्मार्ट सिटी पर फिलहाल जेआरडीए प्रबंधन ही भ्रमित है। यहां तक कि आज की बैठक को भी जेआरडीए की बैठक घोषित नहीं की गई थी। जेआरडीए पदाधिकारियों ने अभी तक न तो स्मार्ट सिटी के लिए जगह चिह्नित की है न ही बजट का अनुमान लगाया है। यह भी तय नहीं हुआ कि उसमें रैयत ही रहेंगे अथवा अतिक्रमणकारी (नॉन एलटीएच) भी। किस सर्वे व कट ऑफ डेट के तहत उन्हें बसाया जाएगा, मुआवजा रैयतों को किस नियम के तहत दिया जाएगा यह सब तो निर्धारित होना ही चाहिए था। इससे बैठक में गंभीरता आती। पहली बार ली गई जनप्रतिनिधियों की राय :

यह पहली बार था जब पुनर्वास के मुद्दे पर जनप्रतिनिधियों की राय ली गई। सांसद पीएन सिंह, विधायक इंद्रजीत महतो व राज सिन्हा का भी मानना था कि डेढ़ दशक बीत जाने के बावजूद जेआरडीए ने अभी तक जनप्रतिनिधियों की राय किसी मुद्दे पर नहीं ली थी। वह भी तब जबकि जेआरडीए की नियमावली में यह बात अंकित है कि सभी जनप्रतिनिधि उसके सदस्य होंगे। उनके परामर्श के अनुसार ही योजना तय की जानी है और कार्यान्वित भी। बैठक में ये थे मौजूद : बैठक में उप विकास आयुक्त दशरथ चंद्र दास, अपर समाहर्ता श्याम नारायण राम, उप समाहर्ता भूमि सुधार सतीश चंद्रा, जेआरडीए प्रभारी मो. गुलजार अंजुम, जेआरडीए परामर्शी सुनील दलेला, सांसद प्रतिनिधि नितिन भट्ट, गिरिडीह के सांसद प्रतिनिधि राम प्रसाद महतो, सिदरी विधायक प्रतिनिधि विक्रांत उपाध्याय, धनबाद विधायक के प्रतिनिधि मनोज मालाकार सहित बीसीसीएल के पदाधिकारी व अन्य लोग उपस्थित थे।

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