जिले के पब्लिक व प्राइवेट स्कूलों को अब शहरी एवं ग्रामीण के आधार पर किया जाएगा वर्गीकरण

जिले के पब्लिक स्कूल और प्राइवेट स्कूलों का अब शहरी और ग्रामीण के आधार पर वर्गीकरण किया जाएगा। शिक्षा का अधिकार अधिनियम(आरटीई) मान्यता करने वाले स्कूलों की जांच कर अधिकारियों को यह रिपोर्ट देनी है कि यह स्कूल शहरी है या ग्रामीण।

By Atul SinghEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 03:48 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 03:48 PM (IST)
जिले के पब्लिक व प्राइवेट स्कूलों को अब शहरी एवं ग्रामीण के आधार पर किया जाएगा वर्गीकरण
जिले के पब्लिक स्कूल और प्राइवेट स्कूलों का अब शहरी और ग्रामीण के आधार पर वर्गीकरण किया जाएगा। (प्रतीकात्‍म्‍क तस्‍वीर)

धनबाद, जेएनएन : जिले के पब्लिक स्कूल और प्राइवेट स्कूलों का अब शहरी और ग्रामीण के आधार पर वर्गीकरण किया जाएगा। शिक्षा का अधिकार अधिनियम(आरटीई) मान्यता करने वाले स्कूलों की जांच कर अधिकारियों को यह रिपोर्ट देनी है, कि यह स्कूल शहरी है या ग्रामीण। बताते चलें की 92 स्कूलों ने आरटीई मान्यता के लिए आवेदन दिया है। इनमें से सात स्कूलों को पहले चरण में मान्यता भी मिल चुकी है। जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्र भूषण सिंह ने सभी बीईईओ को पत्र जारी कर कहा है, कि 92 स्कूलों के फॉर्म एक भरकर अन्य दस्तावेजों के साथ कार्यालय में जमा किए गए फार्म के अनुसार शहरी और ग्रामीण का वर्गीकरण नहीं किया गया है। 92 स्कूलों की सूची पूर्व में भेजते हुए निर्देश दिया गया है, कि शहरी और ग्रामीण के रूप में स्पष्ट मंतव्य का उल्लेख करते हुए उसे अंकित करें। सभी बीईईओ से एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है। डीएसई ने कहा कि अब नए नियमों के तहत स्कूलों का वर्गीकरण अनिवार्य है। वह स्कूल शहरी क्षेत्र में आता है या ग्रामीण क्षेत्र में इसकी पर्याप्त सूचना आवेदन में मुहैया कराना अनिवार्य है। सूत्रों की माने तो जल्द ही जिला प्रारंभिक शिक्षा समिति की एक बैठक बुलाकर कई स्कूलों के आरटीई मान्यता संबंधी प्रस्ताव को रखा जाएगा। उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित की गई कमेटी दस्तावेजों की जांच और प्रस्ताव पर विचार करने के बाद निर्णय लेगी।

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