Co-Win App: सर्वर में खराबी से देशभर में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में परेशानी, धनबाद में हुआ ऑफलाइन टीकाकरण

धनबाद जिला टीकाकरण पदाधिकारी डॉ विकास राणा ने बताया कि शुक्रवार सुबह से ऐप में सर्वर को लेकर गड़बड़ी आ रही है। वरीय अधिकारियों से पूछने पर पता चला कि देश भर में यह समस्या उत्पन्न हो रही है। इसमें अब मुख्यालय के निर्देश पर काम शुरू किया गया है।

By MritunjayEdited By: Publish:Fri, 29 Jan 2021 04:41 PM (IST) Updated:Fri, 29 Jan 2021 04:41 PM (IST)
Co-Win App: सर्वर में खराबी से देशभर में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में परेशानी, धनबाद में हुआ ऑफलाइन टीकाकरण
कोविन एप में रजिस्ट्रेशन के दाैरान लाभुकों को परेशानी हो रही है ( प्रतीकात्मक फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। लाभुकों को कोरोना वैक्सीन देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए विशेष कोविन एप का सर्वर काम नहीं कर रहा है। इस वजह से लाभुकों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है, ना ही कोई मोबाइल पर मैसेज आ रहा है। इसे देखते हुए एनआरएचएम झारखंड मुख्यालय ने धनबाद सहित सिविल सर्जन को ऑफलाइन वैक्सीनेशन करने का निर्देश दिया है। निर्देश के बाद धनबाद में ऑफलाइन लाभुकों को वैक्सीन देने की प्रक्रिया शुरू हुई है। 

देश भर में ऐसी समस्या

धनबाद जिला टीकाकरण पदाधिकारी डॉ विकास राणा ने बताया कि शुक्रवार सुबह से ऐप में सर्वर को लेकर गड़बड़ी आ रही है। वरीय अधिकारियों से पूछने पर पता चला कि देश भर में यह समस्या उत्पन्न हो रही है। इसमें अब मुख्यालय के निर्देश पर काम शुरू किया गया है। बताया गया है कि जल्द ही इस सर्वर की परेशानी दूर कर ली जाएगी। 

कोविन ऐप में लाभुकों का दर्ज होता है डाटा

कोरोना वैक्सीन देने से पहले लाभुकों को कोविन ऐप पर डाटा भरना होता है। इसमें कर्मचारी का नाम, पता, पद, विभाग का नाम, कार्य की प्रकृति, मोबाइल नंबर आदि प्रविष्टि भरनी होती है। तमाम डाटा भरने के बाद लाभुक के मोबाइल पर मैसेज आता है। मैसेज के बाद लाभुक टीकाकरण केंद्र पर जब वैक्सीन लेने जाते हैं, तब ऐप पर जाकर उनके स्थान पर यस और नो किया जाता है। लेकिन एप के काम नहीं करने की वजह से यह नहीं हो पा रहा है। लिहाजा विभागीय अधिकारी रजिस्टर पर आने वाले लाभों के नाम दर्ज कर रहे हैं। 

पहले चरण में धनबाद में 20 हजार लाभुकों का निबंधन

धनबाद में पहले चरण के कोरोना वैक्सीन के लिए अब तक 20 हजार लाभुकों का निबंधन कराया गया है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के तमाम चिकित्सक और कर्मचारियों के साथ ही निजी अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी शामिल हैं। साथ ही आंगनबाड़ी कर्मचारी और सहिया को भी इसमें जोड़ा गया है।

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