निजी विद्यालयों ने की शिक्षकों व कर्मियों को राहत पैकेज देने की मांग Dhanbad News

अब निजी विद्यालयों के संचालक सरकार से राहत पैकेज मांग रहे हैं। इसके पीछे निजी विद्यालय संचालकों का तर्क है कि करोना महामारी के कारण एक वर्ष से भी अधिक समय से चल रहे लॉक डाउन से अब विद्यालय की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है ।

By Atul SinghEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 10:46 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 10:46 AM (IST)
निजी विद्यालयों ने की शिक्षकों व कर्मियों को राहत पैकेज देने की मांग Dhanbad News
अब निजी विद्यालयों के संचालक सरकार से राहत पैकेज मांग रहे हैं। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

 धनबाद, जेएनएन : अब निजी विद्यालयों के संचालक सरकार से राहत पैकेज मांग रहे हैं। इसके पीछे निजी विद्यालय संचालकों का तर्क है कि करोना महामारी के कारण एक वर्ष से भी अधिक समय से चल रहे लॉक डाउन से अब विद्यालय की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है और शिक्षक और कर्मचारियों के समक्ष भुखमरी की स्थिति हो गई है। झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के सचिव इरफान खान ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि जिले के 500 से ज्यादा गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय के संचालक व शिक्षक शिक्षिकाओं के समक्ष भुखमरी की स्थिति हो गई है। 500 गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय में लगभग 15000 शिक्षक-शिक्षिका व कर्मी रोजगार से जुड़े हुए हैं। इन शिक्षकेतर कर्मियों के 60,000 परिवारिक सदस्यों का भरण पोषण होता था। लॉकडाउन के कारण सभी छोटे मीडियम स्तर के विद्यालय बंद है। इसके कारण आय का स्रोत बंद है। बिजली बिल स्कूल किराया का बोझ बढ़ रहा है। कई विद्यालय किराए के भवन में चल रहे हैं। विद्यालय संचालकों के पास कोई उपाय नहीं रह गया है वही निजी विद्यालय के सभी शिक्षक का कहीं से कोई भी और अन्य आय का स्रोत नहीं रहने से परिवार का चलाना दुर्लभ हो गया है। एसोसिएशन सचिव इरफान खान ने कहा कि निजी विद्यालय गैर मान्यता प्राप्त की समस्याओं पर सरकार व विभाग गंभीर नहीं है। निजी विद्यालय को सरकार राहत पैकेज दे। सरकार के पास सभी गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों का यू डाइस कोड में सभी शिक्षकों कर्मियों का विवरण मौजूद है। उसके आधार पर राज्य सरकार  राहत पैकेज सभी को मुहैया कराएं। लॉक डाउन की वजह से अधिकतर विद्यालय बंद होने की स्थिति में है। अगर सरकार बहुत जल्द इस और ध्यान नहीं देती है तो हजारों हजार शिक्षक कर्मियों का परिवार आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

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