निजी स्कूल छोड़ अब बच्चों ने पकड़ी सरकारी स्कूल की राह; सरकारी स्कूल के शिक्षक से अभिभावक कर रहे हैं संपर्क
निजी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावकों ने अब सरकारी स्कूलों की ओर जाने का मन बना रहे हैं तो कई अभिभावकों ने तो अपने बच्चों का नामांकन तक सरकारी स्कूलों में करा दिया है। पैसे के अभाव में बच्चों की पढ़ाई बंद न हो।
धनबाद, जेएनएन : निजी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावकों ने अब सरकारी स्कूलों की ओर जाने का मन बना रहे हैं तो कई अभिभावकों ने तो अपने बच्चों का नामांकन तक सरकारी स्कूलों में करा दिया है। इसका सबसे बडा कारण है आर्थिक संकट और दूसरा पैसे के अभाव में बच्चों की पढ़ाई बंद न हो। ऐसे कई उदाहरण देखने और सुनने को मिल रहे हैं। कोरोना महामारी से उपजे हालात ने लोगों के रोजी रोटी पर संकट खड़ा कर दिया है। आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है। सबसे बड़ी समस्या शिक्षा के क्षेत्र में खड़ी हो रही है। अब तो ऐसे हालात खड़े हो रहे हैं कि निजी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावक सरकारी स्कूलों की ओर रूख कर रहे हैं। वहीं सरकारी स्कूलों में ऐसे बच्चों का शिक्षक नामांक भी ले रहे हैं। मध्य विद्यालय धैया में ऐसा ही कई मामले आएं हैं। जहां अभिभावक ने स्कूल के शिक्षक को फोन कर अपनी कहानी सुनाई कि अपने दोनों बच्चों को एक निजी स्कूल में पढ़ाती थी। कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट खड़ा हो गया। बच्चे घर में है और पढ़ाई से दूर होते जा रहे हैं। बच्चों की जिंदगी बर्बाद न हो इसलिए आप उनका नामांकन अपने स्कूल में करा दीजिए। स्कूल के शिक्षक राजकुमार वर्मा ने अभिभावक को समझाया और कहा कि पढ़ाई के बगैर बच्चे की जिंदगी बर्बाद नहीं होगी। उन्होंने स्कूल पहुंचकर दोनों बच्चों का नामांकन करा दिया। केवल इतना ही नहीं शिक्षक ने दोनों बच्चों को नई किताबें भी दी और उनकी पढ़ाई जारी रहे इसके लिए व्हाटसप ग्रुप में जोड़ दिया। ये तो महज एक बानगी है। शिक्षक राजकुमार वर्मा ने बताया कई अभिभावक उनके संपर्क में है। कई और स्कूलों में भी इस तरह नामांकन की बातें सामने आ रही है। निजी स्कूलों में फीस अधिक होने के कारण कोरोना काल में जो आर्थिक संकट खड़ा हुआ है कि अभिभावक अपने बच्चों का फीस तक नहीं भर पा रहे हैं। ऐसे अभिभावक अब सरकारी स्कूलों में पहुंचकर बच्चों का नामांकन करा रहे हैं ताकि बच्चों की पढ़ाई न छूटे