निजी स्कूल की मनमानी के विरोध में अभिभावक संघ ने उठाया आवाज Dhanbad News

विगत कई महीनों से लगातार निजी स्कूल की मनमानी व सरकार के चुप्पी के विरोध में अभिभावकों के परेशानी एवं बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए झारखंड अभिभावक संघ धनबाद ने आवाज उठाया। झारखंड अभिभावक संघ के जिलाध्यक्ष कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय ने मांग पत्र भी सौंपा।

By Atul SinghEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 05:27 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 05:27 PM (IST)
निजी स्कूल की मनमानी के विरोध में अभिभावक संघ ने उठाया आवाज Dhanbad News
झारखंड अभिभावक संघ के जिलाध्यक्ष कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय ने मांग पत्र भी सौंपा। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

धनबाद, जेएनएन : विगत कई महीनों से लगातार निजी स्कूल की मनमानी व सरकार के चुप्पी के विरोध में अभिभावकों के परेशानी एवं बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए झारखंड अभिभावक संघ, धनबाद ने आवाज उठाया। इसी क्रम में पिछले कुछ दिनों से धनबाद जिला के लगभग सभी जनप्रतिनिधी से मिलकर झारखंड अभिभावक संघ के जिलाध्यक्ष कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय ने मांग पत्र भी सौंपा। सभी जनप्रतिनिधी ने कहा कि कोरेाना काल में अभिभावकगण काफी परेशान हैं। इस विषय पर संज्ञान लेने की जरूरत है। सभी ने अपनी ओर से राज्य सरकार को अवगत कराने हेतु आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया। झारखंड अभिभावक संघ ने मुख्य रूप से सांसद पशुपति नाथ सिंह, पुर्व विधायक मन्नान मल्लिक, विधायक राज सिन्हा, विधायक अपर्णा सेन गुप्ता, केंद्रीय अध्यक्ष व्यवसाई प्रकोष्ठ अमितेश सहाय, पुर्व विधायक अरुप चटर्जी, भाजपा जिलाअध्यक्ष ग्रामीण ज्ञान रंजन सिन्हा, अशोक मंडल झामुमो, निरसा सीएमडी बीसीसीएल को मांग पत्र सोंपा गया। सीएमडी बीसीसीएल से आग्रह किया गया कि जिस प्रकार सीसीएल आदेश जारी कर अपने अधिकृत जमीन पर संचालित निजी स्कूलों द्वारा किसी भी तरह के फ़ीस बढ़ोतरी पर रोक लगाई है, धनबाद के लिए भी बीसीसीएल कोई सार्थक कदम उठाएं।

मांगें:

- सभी निजी विद्यालय झारखंड शिक्षा संशोधन अधिनियम 2017 को लागू करे।

- झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (माध्यमिक शिक्षा निदेशालय) द्वारा आदेश को लागू करे ।

-सीबीएसई, आईसीएसई, राज्य बोर्ड की ओर से निर्धारित गाइडलाइंस को विद्यालय अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें।

- कोई भी विद्यालय फीस के चलते बच्चों को ऑनलाइन क्लास से वंचित न करें।

- अपने ही विद्यालय के छात्रों का क्लास ग्यारहवीं में अथवा किसी कक्षा में री एडमिशन बंद करें और उनसे वर्तमान सत्र में ली गई राशि वापस करें।

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