कोरोना से जंग में इलाज के साथ ही RAT जांच का अधिकार चाहते निजी अस्पताल, जीटा महासचिव ने दिए सुझाव

राजीव शर्मा के मुताबिक न सिर्फ वे और उनका संस्थान बल्कि अन्य निजी चिकित्सालयाें जिन्हाेंने अपने संसाधनाें की सूची जिला प्रशासन काे साैंपी है उनमें अधिकांश की यही मांग है। संभव हुआ तो वे इस पर उपायुक्त सह आपदा प्रबंधन प्राधिकार के अध्यक्ष से संवाद भी करेंगे।

By MritunjayEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 08:52 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 08:52 AM (IST)
कोरोना से जंग में इलाज के साथ ही RAT जांच का अधिकार चाहते निजी अस्पताल, जीटा महासचिव ने दिए सुझाव
कोरोना जांच के लिए स्वाब लेता स्वास्थ्यकर्मी ( फाइल फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। जिन निजी अस्पतालाें काे काेविड-19 का इलाज करने का अधिकार दिया गया है उन्हें रैपिड एंटीजेन टेस्ट करने का भी अधिकार दिया जाए। ऐसा हाेने पर सामान्य राेगियाें की अधिक सुरक्षा हाे सकेगी और काेराेना का संक्रमण भी अधिक नहीं फैल सकेगा। यह सुझाव है जीटा के महासचिव व एशियन जालान हॉस्पिटल ट्रस्टी बाेर्ड के सचिव राजीव शर्मा का। शर्मा ने कहा कि अभी अस्पताल आने वाले राेगियाें के बारे में यह पता नहीं हाेता कि वह पॉजिटिव है अथवा नहीं। यदि रैपिड एंटीजेन से जांच की सुविधा मिली ताे संदिग्ध मरीज काे अलग रख कर इलाज किया जाएगा और आरटीपीसीआर से जहां जांच हाे रही है वहां भी जांच काे भेजा जा सकेगा। इससे सामान्य मरीज की सुविधा पुख्ता हाे सकेगी। कई अन्य सुविधाएं भी हाे जाएंगी।

सभी निजी अस्पतालों की मांग एक सी

शर्मा के मुताबिक न सिर्फ वे और उनका संस्थान बल्कि अन्य निजी चिकित्सालयाें जिन्हाेंने अपने संसाधनाें की सूची जिला प्रशासन काे साैंपी है उनमें अधिकांश की यही मांग है। संभव हुआ तो वे इस पर उपायुक्त सह आपदा प्रबंधन प्राधिकार के अध्यक्ष से संवाद भी करेंगे। बता दें कि फिलहाल पांच निजी अस्पतालाें में काेविड के इलाज की सुविधा प्रशासन ने दिया है।

रेमडेसिविर के लिए भी कर सकते सहयाेग

शर्मा ने कहा कि उपायुक्त चाहें ताे रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए भी जीटा और अन्य संगठनाें के साथ मिलकर सहयाेग किया जा सकता है। शर्मा के मुताबिक यह इंजेक्शन सीधे अस्पतालाें काे ही मिलता है। इस व्यवस्था में हम बदलाव नहीं कर सकते, लेकिन जिस तरह शुरुआती दाैर में पीपीई किट व काेविड के इलाज में अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए निधि संग्रह किया गया था उसी तरह इस मद में भी यदि जरूरत हाे ताे प्रयास किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए उपायुक्त की सहमति जरूरी हाेगी। शर्मा ने बताया कि धनबाद से काेराेना की पहली लहर के दाैरान 25 लाख रुपये की सहायता राशि मुख्यमंत्री राहत काेष में दी गई थी। रेमडेसिविर की उपलब्धता के लिए काेष की कमी हाे ताे उसके लिए यह प्रयास भी किया जा सकता है। इससे धनबाद के गंभीर संक्रमिताें काे काफी लाभ मिलेगा।

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