JBVNL: 8 महीने का वेतन दिए बगैर चलती बनी कंपनी, घोर आर्थिक संकट में फंसे ऊर्जा मित्र

JBVNL झारखंड बिजली वितरण निगम ने जिस कंपनी को बिलिंग का काम दिया था उसका समय अप्रैल में ही पूरा हो गया। कंपनी राजस्थान की थी और वह अपना बोरिया बिस्तर समेट कर जा चुकी है। इधर कर्मचारी अभी भी बिना वेतन के खट रहे है।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 27 May 2021 05:38 PM (IST) Updated:Thu, 27 May 2021 05:38 PM (IST)
JBVNL: 8 महीने का वेतन दिए बगैर चलती बनी कंपनी, घोर आर्थिक संकट में फंसे ऊर्जा मित्र
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ( प्रतिकात्मक फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। जेबीवीएनएल के लगभग 400 ऊर्जा मित्र पिछले 8 महीने से बिना वेतन के काम कर रहे हैं। झारखंड बिजली वितरण निगम ने जिस कंपनी को बिलिंग का काम दिया था उसका समय अप्रैल में ही पूरा हो गया। कंपनी राजस्थान की थी और वह अपना बोरिया बिस्तर समेट कर जा चुकी है। इधर कर्मचारी अभी भी बिना वेतन के खट रहे है। कर्मचारियों ने इसकी शिकायत जेबीवीएनएल के अधिकारियों से भी की। अधिकारियों ने बिलिंग कंपनी को कोई निर्देश देने के बजाय कर्मचारियों से 1 महीने और ड्यूटी करने को कहा है। वजह यह कि नई कंपनी जिसे इस वर्ष का काम दिया गया है वह अगले महीने प्रभार लेगी। नया काम एमडी सॉल्यूशन को दिया गया है।

जेबीवीएनएल के पास है बकाया

बिलिंग सुपरवाइजर श्याम शेखर सिंह के मुताबिक वे लोग सार टेक्नोलॉजी के तहत काम करते थे। कंपनी का कहना है कि उसका पैसा jbvnl के पास बकाया है। वहां से भुगतान होते ही कर्मचारियों का वेतन दे दिया जाएगा। हालांकि सिंह के मुताबिक कंपनी ने अभी तक ईपीएफ भी अपडेट नहीं किया है।

पहले वाली कंपनी के पास भी बकाया

श्याम शेखर बताते हैं कि सार टेक्नोलॉजी से पहले मीटर रीडिंग और बिलिंग का काम मेसर्स अखलाक खान के पास था। 2017-18 के दौरान वह कंपनी भी ढाई माह की सैलरी भुगतान किए बगैर चली गई। कंपनी का कहना था कि उसका सिक्योरिटी मनी jbvnl के पास बकाया है। jbvnl सिक्योरिटी मनी दे तो भुगतान कर देंगे। जबकि हम लोगों ने श्रम अधीक्षक से शिकायत करके सिक्योरिटी मनी पर रोक लगवा रखी है। हमारी मांग है कि पहले वेतन मिले तभी सिक्योरिटी मनी का भुगतान हो। हर बार कंपनी बदलते ही कर्मचारियों का पैसा फंस जा रहा है। jbvnl को इसका निदान निकालना चाहिए।

स्वजनों का इलाज भी नहीं करवा पा रहे ऊर्जा मित्र

Shyamshekhar Singh के मुताबिक ऊर्जा मित्रों की आर्थिक स्थिति इतनी बदहाल हो गई है की वह 100 जनों का इलाज भी नहीं करवा पा रहे अभी इसी महीने ऊर्जा मित्र अमिताभ तिवारी और मुकेश कुमार दोनों के ही पिताजी गुजर गए इलाज को पैसे नहीं थे तो बहुत प्रयास कर हम लोगों ने 10 से 15 हजार रुपये का जुगाड़ किया जो नाकाफी था।

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