Dhanbad: धुमधाम से मनायी जाती है जेल में दुर्गा पूजा, जेल में बंद बंदी रहते है नवरात्र पर

दुर्गापूजा की महक हवाओं में घुल चुकी है। विश्वकर्मा पूजा समाप्त होते ही धनबाद के मूर्तिकार अब मां दुर्गा की प्रतिमा की तयारी में जुट चुके है।सात अक्टूबर से नवरात्र का पावन माह शुरु होने वाला है। जिले में दुर्गापूजा की तैयारी भी साफ देखी जा सकती है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 04:44 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 04:44 PM (IST)
Dhanbad: धुमधाम से मनायी जाती है जेल में दुर्गा पूजा, जेल में बंद बंदी रहते है नवरात्र पर
विश्वकर्मा पूजा समाप्त होते ही धनबाद के मूर्तिकार अब मां दुर्गा की प्रतिमा की तयारी में जुट चुके है।

जागरण,संवाददाता, धनबाद। दुर्गापूजा की महक हवाओं में घुल चुकी है। विश्वकर्मा पूजा समाप्त होते ही धनबाद के मूर्तिकार अब मां दुर्गा की प्रतिमा की तयारी में जुट चुके है।सात अक्टूबर से नवरात्र का पावन माह शुरु होने वाला है। जिले में दुर्गापूजा की तैयारी भी साफ देखी जा सकती है। दुकानों में नए डिजाइन के कपड़े भी आने लगे है। हर बार की तरह इस बार की पूजा में भी धनबाद मंडल कारा में तयारी शुरू है गयी है।

कैसे होती है पूजा: जेलर बताते है कि धनबाद जेल में वर्षों से दुर्गापूजा मनाया जा रहा है।जेल परिसर में स्थित मंदिर में दुर्गा मां की प्रतिमा बैठायी जाती है।जेल स्टाफ के अलावा बंदी भी इसमें भाग लेते है।लगभग 100 पुरुष व महिला बंदी हर वर्ष नवरात्र करते है।इनमें भी अलग उत्साह देखने को मिलता है।

मइया देती है भक्तों को दर्शन: धनबाद जेल में मनाई जाने वाली दुर्गापूजा कुछ खास किस्म से मनायी जाती है। पूजा के नौ दिन बंदी भक्तों को मां के दर्शन नहीं हो पाते है।मगर आखिरी दिन विजयदश्मी को मइया खुद अपने भक्तों से मिलने जेल गेट के अंदर जाती है।इसी दौरान बंदी भक्तों को मां के दर्शन होते है। मां की मुर्ति को जेल के अंदर ले जाया जाता है।सभी बंदी भक्त उस दौरान मूर्ति को प्रणाम कर उनका दर्शन करते है।

बंद रहता है नॉनवेज: नवरात्र के दिनों में लगभग नॉनवेज धनबाद जेल में बंद रहता है। ऐसा नहीं कि किसी पर इसका दबाव रहता है।मगर बंदी खुद से भक्ति भाव में नवरात्र में यह सब खाना पसंद नहीं करते है।कुछ बंदी तो ऐसे है जो फलाहार पर नौ दिन जेल में गुजारते है।

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