उत्कृष्ट बनने से कतरा रहे हैं प्राचार्य 20 तक दिया गया समय
धनबाद के तीन सरकारी स्कूलों को स्कूल ऑफ एक्सलेंस (उत्कृष्ट विद्यालय) में अपग्रेड करने की कवायद तेज हो गई है। प्लस टू जिला स्कूल एसएसएलएनटी बालिका प्लस टू व निरसा कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय समेत राज्य में चयनित 80 स्कूलों के हेडमास्टरों को लीडरशिप प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जागरण संवाददाता धनबाद। उत्कृष्ट विद्यालयों की लगाम जिनके हाथ होगी वे हीं प्रशिक्षण से कतरा रहे हैं। पूरे जिले के लिए यह उत्कृष्ट विद्यालय ना केवल उदाहरण प्रस्तुत करेंगे, बल्कि अग्रणी विद्यालयों की भूमिका में भी रहेंगे। यदि निर्धारित समय तक इन्होंने प्रशिक्षण नहीं लिया तो कार्रवाई तय है। जिले के तीन सरकारी स्कूलों को स्कूल ऑफ एक्सलेंस (उत्कृष्ट विद्यालय) में अपग्रेड करने की कवायद तेज हो गई है। प्लस टू जिला स्कूल, एसएसएलएनटी बालिका प्लस टू व निरसा कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय समेत राज्य में चयनित 80 स्कूलों के हेडमास्टरों को लीडरशिप प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
आठ मॉड्यूल के लिए 10 सप्ताह का समय निर्धारित किया गया था। समीक्षा में यह पाया गया कि कई स्कूलों के हेडमास्टर लीडरशिप प्रशिक्षण में लापरवाही बरत रहे हैं। इसे राज्य परियोजना निदेशक ने गंभीरता से लिया है। धनबाद प्लस टू जिला स्कूल प्राचार्य ने आठ मॉड्यूल के लीडरिशप प्रशिक्षण को पूरा कर लिया है। निरसा कस्तूबरा प्राचार्य ने छह मॉड्यूल पूरा किया है। एसएसएलएनटी प्राचार्य ने एक भी मॉडयूल पूरा नहीं किया है। इसपर झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने नाराजगी जताई है। पत्र में कहा गया है कि राज्य के 12 शिक्षकों ने प्रशिक्षण शुरू नहीं किया है। 17 ने एक से चार मॉड्यूल व 14 से पांच से सात मॉड्यूल को पूरा किया है। परियोजना ने सबों को 20 अक्तूबर तक प्रशिक्षण पूरा करने का निर्देश दिया गया है। जिन स्कूलों में नए हेडमास्टर को प्रभार दिया गया है। उन्हें भी प्रशिक्षण से जोड़ा जाएगा।
ऐसा नहीं होने पर संबंधित शिक्षक के खिलाफ अनिवार्य रूप से प्रशासनिक व विभागीय कार्रवाई की जाएगी। जिन जिलों के शिक्षकों ने अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। उन्हें उन शिक्षकों के साथ टैग करने को कहा गया है। वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रबला खेस ने कहा कि प्राचार्य को इस संबंध में अवगत कराते हुए प्रशिक्षण पूरा करने का निर्देश दिया गया है।