राष्‍ट्रपत‍ि पुरस्‍कार से सम्‍मान‍ित परमेश्‍वर को दी गई अंत‍िम व‍िदाई; समाज को श‍ि‍क्ष‍ित करने का उठाया था बीड़ा Dhanbad News

संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के विचारों से प्रभावित होकर युवावस्था से ही समाज में जीवन भर शिक्षा की अलख जगाने वाले भौंरा मोहलबनी निवासी राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित समाजसेवी 75 वर्षीय परमेश्वर पासवान का निधन बुधवार की शाम घर में हो गया।

By Atul SinghEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 09:57 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 10:09 AM (IST)
राष्‍ट्रपत‍ि पुरस्‍कार से सम्‍मान‍ित परमेश्‍वर को दी गई अंत‍िम व‍िदाई; समाज को श‍ि‍क्ष‍ित करने का उठाया था बीड़ा Dhanbad News
परमेश्वर पासवान युवावस्था में ही बाबा साहेब के विचारों से अत्यंत प्रभावित हुए। (जागरण)

झरिया, गोविन्द नाथ शर्मा: भारत के संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के विचारों से प्रभावित होकर युवावस्था से ही समाज में जीवन भर शिक्षा की अलख जगाने वाले भौंरा मोहलबनी निवासी राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित  समाजसेवी 75 वर्षीय परमेश्वर पासवान का निधन बुधवार की शाम  घर में हो गया।

वे कई माह से बीमार चल रहे थे। आजीवन डॉ भीमराव अंबेडकर शिक्षा संस्थान के अध्यक्ष रहे दिवंगत परमेश्वर को उनके पुत्र  रविकांत पासवान, परिवार वालों  के अलावा दर्जनों समाजसेवियों ने गुरुवार को उन्हें मोहलबनी मुक्तिधाम दामोदर नदी के किनारे राष्ट्रीय ध्वज  तिरंगा के साथ मिट्टी देकर अंतिम विदाई दी। मौके पर प्रेमबच्चन दास, रंजीत यादव, दिलीप चक्रवर्ती, पूर्व पार्षद चंदन महतो, अशोक पासवान, मुन्ना ध्रुव, सुनील पासवान, साधु पासवान, शिवपूजन राम, शिवबली रविदास, नुनूलाल पासवान, भूषण पासवान, उमेश पासवान, विनय बारी, जंग बहादुर, उपेंद्र पासवान आदि थे। 

बाबा साहेब के नाम पर बनाई संस्था, लोगों को शिक्षा के प्रति किया जागरूक :

 झरिया की भौंरा कोलियरी में कार्यरत परमेश्वर पासवान युवावस्था में ही बाबा साहेब के विचारों से अत्यंत प्रभावित हुए। उन्होंने कोलियरी में कार्य करते हुए 40 वर्ष पूर्व डॉ भीमराव अंबेडकर शिक्षा संस्थान सामाजिक संस्था का गठन किया। इसके संस्थापक अध्यक्ष रहे। 40 वर्षों तक संस्थान के माध्यम से गरीब, मजदूर, दलित, वंचितों को शिक्षित करने में लगे रहे।  सुदामडीह व अन्य स्थानों में शिक्षण संस्थान खोला। केंद्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड के सहयोग से कोलियरी क्षेत्रों में शिविर लगाकर गरीबों को शिक्षित किया।

1985 में भारत के राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने परमेश्वर को किया सम्मानित :

 बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के बताए मार्ग पर चलकर समाज को शिक्षित करने वाले परमेश्वर पासवान को वर्ष 1985 में भारत के राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में  प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इसके बाद परमेश्वर समाज को शिक्षित करने में और शिद्दत से लग गए। वर्ष 2003 में कोलियरी से सेवानिवृत्त होने के बाद  कच्चे घर में रहकर पूरी तरह से समाज को शिक्षित करने और सामाजिक कार्यों में जुटे रहे। समाज को शिक्षित करने के लिए परमेश्वर को इंडिया लीविंग पुस्तक में भी स्थान मिला। 

परमेश्वर के सामाजिक योगदान को भुलाया नहीं जा सकता :

वंचित मुक्ति मोर्चा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और झारखंड के प्रभारी रामाशीष चौहान ने कहा कि समाज को शिक्षित करने के लिए परमेश्वर के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। वे व्यक्ति नहीं वंचित समाज की आवाज थे। सिम्फर डिगवाडीह के पूर्व वैज्ञानिक डॉ अशोक कुमार शर्मा, दलित नेता प्रेमबच्चन दास ने कहा कि परमेश्वर के निधन से समाज को अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने आजीवन डॉ अंबेडकर के बताए मार्ग पर चलकर वंचित समाज के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक कर उन्हें सशक्त बनाया।

परमेश्वर के निधन से भौंरा में छाया शोक :

समाजसेवी परमेश्वर के निधन से भौंरा में शोक छाया है। श्रमिक नेता समाजसेवी मौसम महंती, रंजीत यादव, कालीचरण यादव, पूर्व पार्षद चंदन महतो, शिवकुमार यादव, मोतीलाल हेंब्रम, एसके शाही, शिवबालक पासवान, रामप्रवेश यादव, सुभाष शर्मा, रामप्रवेश पासवान आदि ने गहरा शोक जताया है।

chat bot
आपका साथी