Dhanabd: बाइक चोर गैंग की तलाश में जिला पुलिस फिर हुई रेस, मधुपुर जामताड़ा के अपराधियों की कुंडली खंगाल रही
जिले में फिर एक बार बाइक चोरी की घटना बढ़ गई है। जामताड़ा मधुपुर तथा गिरिडीह के अपराधियों पर पुलिस शिकंजा कसने की तैयारी में जुटी है। वाहन लिफ्टों का नेटवर्क इतना मजबूत है कि पल भर में ही चोरी तक ट्रांसफर कर दे रहे हैं।
जागरण संवाददाता, धनबाद। जिले में फिर एक बार बाइक चोरी की घटना बढ़ गई है। जामताड़ा, मधुपुर तथा गिरिडीह के अपराधियों पर पुलिस शिकंजा कसने की तैयारी में जुटी है। वाहन लिफ्टों का नेटवर्क इतना मजबूत है कि पल भर में ही चोरी की बाइक एक जिला से दूसरी जिला तक ट्रांसफर कर दे रहे हैं। पुलिस चाहकर भी उन वाहन चोरों को नहीं पकड़ पा रही है। उन वाहन चोरों को पकड़ने के लिए थाना स्तर पर पुलिस की टीम गठित हुई। बाइक चोरी के कई पुराने गैंग की तलाश की जा रही है।
धनबाद के साथ-देवघर, जामताड़ा मधुपुर समेत कई जिला में इन दिनों बाइक चोर गिरोह काफी सक्रिय है। तकरीबन दो वर्ष पूर्व बाइक चोर गैंग के आधा दर्जन सदस्यों को गिरफ्तार कर धनबाद पुलिस ने एक दर्जन चोरी की बाइक बरामद की थी। जिनमें चार बाइक देवघर से, एक बाइक जामताड़ा से और छह बाइक धनबाद से बरामद हुए थे । इस बार फिर उसी अंदाज में पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने की तैयारी में जुटी है। गिरोह के सभी सदस्यों की तलाश शुरू कर दी गई है। पुलिस के अनुसार इसके गैंग में धनबाद शहरी क्षेत्र के अलावा टुंडी, देवघर, मधुपुर के अपराधी भी शामिल है। पूर्व में बाइक लिफ्टर सरफराज, राजा महतो, दिवाकर को बैंकमोड़ तथा राजा ठाकुर को रांगाटांड से पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इसी गिरोह के दो अन्य सदस्य पंचम मंडल को देवघर तथा संजय मंडल की गिरफ्तारी टुंडी से हुई थी। गिरफ्तार अपराधियों ने अपने साथियों के नाम भी पुलिस को बताए थे पर पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई थी। वर्तमान में शहर में फिर से बाइक चोरी की वारदात बढ़ गई है। लिहाजा पुलिस ने फिर से पुराने गैंग के सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है।
चुराता कोई तो बेचता कोई और
बाइक चोर गैंग में शामिल अपराधियों की कारस्तानी कई बार सामने आ चुकी है। इस गिरोह में बाइक चुराने वाला अलग होता है तो बेचने वाला अलग, पुलिस के अनुसार धनबाद समेत कई जिलों में बाइक चोरी करने वाले कई गिरोह सक्रिय। किसी भी गिरोह में एक दर्जन से कम अपराधी नहीं होते हैं। इस गैंग में तकरीबन डेढ़ दर्जन से अधिक अपराधी शामिल है। गैंग के कुछ सदस्य बाइक चोरी की घटना को अंजाम देता है तो कुछ चोरी की बाइक को ठिकाना लगाने का काम करता है। पहला काम स्पॉट से बाइक चोरी करना, दूसरे चरण में बाइक उठाकर अपने दूसरे साथी को देना और फिर तीसरा व्यक्ति बाइक खपाने का काम करता है।