PMCH Dhanbad: थैलेसीमिया और हीमोफीलिया पीड़ितों को मिलेगी दवा, पीएमसीएच में होगा इलाज, बनाया गया है जेनेटिक वार्ड
जिले के सबसे बड़े अस्पताल एसएनएमएमसीएच में अब थैलेसीमिया और हिमोफीलिया से पीड़ित मरीजों को दवा मिल पाएगी। साथ ही उनका बेहतर इलाज हो पाएगा। इस संबंध में मुख्यालय रांची ने आवश्यक निर्देश दिए हैं। साथ ही दवा सहित अन्य सामग्री के लिए 17 लाख रुपये आवंटित कर आए हैं।
धनबाद, जेएनएन: जिले के सबसे बड़े अस्पताल एसएनएमएमसीएच में अब थैलेसीमिया और हिमोफीलिया से पीड़ित मरीजों को दवा मिल पाएगी। साथ ही उनका बेहतर इलाज हो पाएगा। इस संबंध में मुख्यालय रांची ने आवश्यक निर्देश दिए हैं। साथ ही दवा सहित अन्य सामग्री के लिए 17 लाख रुपए आवंटित कर आए हैं। लॉक डाउन होने की वजह से दवा क्रय की प्रक्रिया बाधित हो रही थी। अब संक्रमण की संख्या कम होने के बाद इस दिशा में एसएनएमएमसीएच प्रबंधन ने कार्रवाई तेज कर दी है। अस्पताल के अधीक्षक डॉ अरुण कुमार चौधरी ने बताया कि जल्द ही थैलेसीमिया, हीमोफीलिया और सिकल सेल एनीमिया के मरीजों के लिए यहां दवाइयां उपलब्ध हो जाएंगी। इसके लिए निविदा की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। कुछ निविदा पूरी भी हो चुकी है। इस दिशा में विभाग लगातार कोशिश कर रहा है। धनबाद के अलावा संथाल परगना के भी तमाम जिलों के मरीज यहां आते हैं।
25 लाख रुपये में बनाया गया है जिन्हें जेनेटिक वार्ड
अस्पताल में 2017 में ही 25 लाख रुपए से जेनेटिक वार्ड का निर्माण कराया गया था। लेकिन दवा सहित अन्य जरूरी सामानों के लिए कोई आवंटन नहीं थे। इस वजह से यहां आने वाले मरीजों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही थी। इससे मरीजों को आर्थिक क्षति के साथ ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
अस्पताल में आते हैं डेढ़ सौ थैलेसीमिया और 50 हीमोफीलिया के मरीज
फिलहाल अस्पताल में डेढ़ सौ थैलेसीमिया के मरीज और 50 हीमोफीलिया के मरीज निबंधित है। वहीं पांच सिकल सेल एनीमिया के मरीज भी निबंधित हुए हैं। इसमें धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, देवघर, जामताड़ा, साहिबगंज, गोड्डा, पाकुड़ आदि के मरीज शामिल हैं।
वर्जन
अस्पताल में जल्द ही जेनेटिक वार्ड में तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए निविदा की प्रक्रिया जारी है। इलाज के लिए अलग से चिकित्सकों के रोस्टर भी बनाए गए हैं।
डॉ. अरुण कुमार चौधरी, अधीक्षक,एसएनएमएमसीच