PM SVANidhi Scheme: लोन नहीं देने के लिए दूरी का बहाना बना रहे बैंक, धनबाद में अब तक मात्र 616 लाभुकों को मिल पाया लोन

धनबाद में कई केसों में बैंकों ने दस्तावेज सत्यापन के लिए दूरी का बहाना बनाया तो कहीं लाभुक किराए के मकान में रह रहे हैं इसलिए लोन देने से मना कर दिया। इस कारण कई आवेदन महीनों से धूल फांक रहे हैं।

By MritunjayEdited By: Publish:Wed, 30 Sep 2020 08:55 PM (IST) Updated:Wed, 30 Sep 2020 08:55 PM (IST)
PM SVANidhi Scheme: लोन नहीं देने के लिए दूरी का बहाना बना रहे बैंक, धनबाद में अब तक मात्र 616 लाभुकों को मिल पाया लोन
लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री ने ठेले-रेहड़ी वालों के लिए पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना की घोषणा की।

धनबाद, जेएनएन। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना ( PM SVANidhi) में शहरी इलाकों के स्ट्रीट वेंडर्स को एक साल की अवधि के लिए 10 हजार रुपये तक का कोलेट्रल फ्री लोन देने का प्रावधान किया गया है। यानी कर्ज के लिए किसी तरह की गारंटी नहीं ली जाएगी। वहीं लोन का मासिक किस्तों में भुगतान करना होगा। लोन की नियमित किस्त अदायगी पर सात फीसद सालाना की ब्याज सब्सिडी भी है। इन सबके बावजूद बैंक फुटपाथ दुकानदारों को लोन देने से मना कर रहे हैं। इसके लिए बैंक तरह-तरह के बहाने बना रहे हैं।

धनबाद में कई केसों में बैंकों ने दस्तावेज सत्यापन के लिए दूरी का बहाना बनाया तो कहीं लाभुक किराए के मकान में रह रहे हैं इसलिए लोन देने से मना कर दिया। इस कारण कई आवेदन महीनों से धूल फांक रहे हैं। दरअसल नगर निगम लोन देने के लिए बैंकों को लगातार लाभुकों की सूची भेज रहा है, लेकिन बैंक आनाकानी कर रहे हैं। आलम यह है कि लोन के लिए आवेदन करने वाले 1966 लाभुकों में से 1160 का ही लोन स्वीकृत हुआ है। इसमें भी बैंकों ने महज 616 को ही लोन दिया।

       केस स्टडी - एक

नाम : मंसूर आलम संबंधित बैंक : इलाहाबाद बैंक, कतरास दुकान : विवेकानंद चौक, हीरापुर स्थिति : मंसूर के सभी दस्तावेज पूर्ण है सिर्फ स्थल का वेरीफिकेशन करना बाकी है। लेकिन बैंक ने हीरापुर जाकर वेरीफिकेशन करने से मना कर दिया। इसलिए लोन नहीं मिला।

     केस स्टडी - दो

नाम : रूक्मणी देवी संबंधित बैंक : बैंक ऑफ इंडिया आमाघाटा दुकान : हीरापुर स्थिति : यहां भी बैंक का कहना है कि आमाघटा से हीरापुर जाकर वेरीफिकेशन नहीं हो पाएगा, इसलिए लोन नहीं मिलेगा। जबकि रूक्मणी के सभी दस्तावेज पूर्ण है।


     केस स्टडी - तीन
नाम : बसंत राय संबंधित बैंक : बैंक ऑफ इंडिया बाबूडीह स्थिति : बैंक ने किराए के घर में रहने के कारण लोन देने से मना कर दिया। जबकि सभी दस्तावेज सही हैं।

     केस स्टडी - चार

नाम : संतोषी देवी संबंधित बैंक : बैंक ऑफ इंडिया बाबूडीह स्थिति : यहां भी बैंक ने किराए के मकान को लेकर लोन देने से इन्कार किया।


लाभुकों को लोन दिलाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इस संबंध में दो-तीन बार बैंकों से बैठकें भी कर चुके हैं। सभी से सहयोग की अपील की गई है। निगम लगातार सूची भेज रहा है, बाकी लोन डिसबर्स बैंक को ही करना है।
- सत्येंद्र कुमार, नगर आयुक्त

दूरी मायने नहीं है, लोन सभी लाभुकों को देना है। दूरी की बात कहकर कोई भी बैंक वेरीफिकेशन करने से मना नहीं कर सकता। किराए के घर में रहने वालों को लोन नहीं देने का मामला संज्ञान में है। पीएम स्वनिधि योजना के तहत सभी बैंकों को सहयोग करना होगा, तभी यह योजना सफल हो पाएगी। बैंक किसी भी तरह की कोताही न बरतें।
- अमित कुमार, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक

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