अब जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए स्थल का भौतिक निरीक्षण जरूरी

जागरण संवाददाता धनबाद अगर आपने अपने स्वजन का जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर रखा है तो आप को अभी कुछ और दिन इंतजार करना पड़ सकता है। पहले केवल कागजी साक्ष्यों को आधार मानकर ही प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया जाता था। लेकिन लगातार मिल रही अनियमितताओं की शिकायत के बाद नियमों को सख्त कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Aug 2021 06:50 AM (IST) Updated:Fri, 27 Aug 2021 06:50 AM (IST)
अब जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए स्थल का भौतिक निरीक्षण जरूरी
अब जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए स्थल का भौतिक निरीक्षण जरूरी

जागरण संवाददाता, धनबाद : अगर आपने अपने स्वजन का जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर रखा है, तो आप को अभी कुछ और दिन इंतजार करना पड़ सकता है। पहले केवल कागजी साक्ष्यों को आधार मानकर ही प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया जाता था। लेकिन लगातार मिल रही अनियमितताओं की शिकायत के बाद नियमों को सख्त कर दिया गया है। अब सक्षम पदाधिकारी आपके आवेदनों को अग्रसारित करने के पहले स्थल का भौतिक सत्यापन तो करेंगे ही, साथ ही आपके द्वारा आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों की सत्यता भी जांचेंगे। इसके बाद प्रमाण पत्र निर्गत करने की कारवाई सक्षम पदाधिकारी द्वारा की जाएगी। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सह अपर जिला निबंधक जन्म मृत्यु महेश भगत ने गुरुवार को बताया कि जिले के सभी सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि किसी भी आवेदन के पहले उसी पूरी तरह से जांच पड़ताल कर लें। जांच के दौरान आवेदक के पता का स्थलीय निरीक्षण करने के अलावा उनके द्वारा संलग्न किए गए दस्तावेजों की भी जांच करेंगे। साथ ही उन पदाधिकारियों को इसके लिए जरूरी उन दस्तावेजों की सूची भी सौंपी गई है, जो प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवश्यक हैं। इन दस्तावेजों में स्थानीय पार्षद और आंगनबाड़ी सेविका का अनुमोदन पत्र, दो स्थानीय गवाहों का बयान, शपथ पत्र के साथ दुर्घटना में मौत होने पर एफआईआर की कापी या अस्पताल में मौत की स्थिति में वहां से निर्गत प्रमाण पत्र की कापी लगाना अनिवार्य है। भगत ने बताया कि इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है और इसकी शुरुआत धनबाद के सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी परशुराम सिंह द्वारा बुधवार से कर भी दी गई है। सिंह ने छाताटांड के लालपुर फुटहा एंव बीच बलिहारी में दो मृतकों के घर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया। जिसके बाद सक्षम कार्यपालक पदाधिकारी को प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए आवेदन को अग्रसारित किया।

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