त्रिलोकी नाथ सिंह के फोन रिकार्ड खोलेगा बीसीसीएल व ईसीएल अधिकारियों के कई राज

खान सुरक्षा महानिदेशालय के फर्स्ट और सेकंड क्लास मैनेजर स्विफ्ट दक्षता परीक्षा में 48 अभ्यर्थियों से 72 लाखों के लिए जाने के मामले की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है कई राज खुलने लगे है। सीबीआइ सूत्र बताते है कि जांच के दौरान कई पुख्ता सबूत मिलें है

By Atul SinghEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 05:56 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 05:56 PM (IST)
त्रिलोकी नाथ सिंह के फोन रिकार्ड खोलेगा बीसीसीएल व ईसीएल अधिकारियों के कई राज
सबूत इन सभी के खिलाफ मिलें है जिसका सत्यापन किया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, धनबाद: खान सुरक्षा महानिदेशालय के फर्स्ट और सेकंड क्लास मैनेजर स्विफ्ट दक्षता परीक्षा में 48 अभ्यर्थियों से 72 लाखों के लिए जाने के मामले की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है कई राज खुलने लगे है। सीबीआइ सूत्र बताते है कि जांच के दौरान कई पुख्ता सबूत इन सभी के खिलाफ मिलें है जिसका सत्यापन किया जा रहा है।

उन सबूत के आधार पर जांच एजेंसी अब यह पता लगाने में जुटी है कि डीजीएमएस के निलंबित उपनिदेशक खान अरविंद कुमार उनके सहयोगी त्रिलोकी नाथ सिंह एवं भाई कैलाश मंडल के साथ और कौन कौन लोगों ने इस काम में सहयोग किया। उनका मोबाइल फोन का काल रिकार्ड जुटाने में लग गई है। उनकी किन किन लोगों से बात होती थी। क्यों लगातार उन से बात होती थी, क्या कारण थे। वाट्सऐप काल भी किया तो कितनी बार किया। गुप्ता बातचीत क्यों किया गया आदि।

बताया जाता है कि बीसीसीएल सेफ्टी विभाग व मानव संसाधन विभाग में कार्यरत एक अधिकारियों से जांच टीम ने जानकारी मांगी है। त्रिलोकी नाथ सिंह ही मुख्य रूप से सेटिंग काम करता था। उसके बीसीसीएल, ईसीएल व सीसीएल के कई अधिकारियों के बेहतर संबंध भी है। खासकर उन अधिकारियों के साथ जो बीसीसीएल में कार्यरत थे, और बाद में उनका तबादला बीसीसीएल से अन्य कंपनियों में हो गया। बताया जाता है कि उनके काफी मिलना जुलना होता था। दिल्ली सीबीआइ की टीम हर बिंदु पर जांच कर रही है।

मालूम हो कि 18 अप्रैल को दिल्ली सीबीआइ की टीम ने इस मामले को पकड़ा था।

आखिर क्यों नहीं हो रहा पैनल रद :

डीजीएमएस मुख्यालय द्वारा अब तक परीक्षा रद्द नहीं किया गया है। कुल 2394 अभ्यर्थियों का ओरल परीक्षा में शामिल हुए थे। पूरे मामले में दिल्ली सीबीआइ की टीम ने सेंट्रल जोन के डीडीजी अरविंद कुमार बिहार स्थित लखीसराय घर से 40 लाख रुपया नगद और कुछ दस्तावेज भी बरामद किया था। बताया जाता है कि 48 अभ्यर्थियों को पास कराने के एवज यह राशि ली गई थी। अरविंद कुमार उनके सहयोगी त्रिलोकी नाथ सिंह एवं भाई कैलाश मंडल ने इस काम को अंजाम देने में सहयोग किया था। सीबीआई के समक्ष पूछताछ में कई राज इन लोगों ने उगले हैं।

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