Dhanbad: 21 को राज्य भर में नहीं होगी पेट्रो उत्पादों की खरीद बिक्री
झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने डीजल पर वैट कम करने को लेकर 21 दिसंबर को हड़ताल करने का निर्णय लिया है राज्य सरकार से डीजल पर वैट की दर 22% से घटाकर 17% करने को लेकर हड़ताल किया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद : झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (जेपीडीए) ने डीजल पर वैट कम करने को लेकर 21 दिसंबर को हड़ताल करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार से डीजल पर वैट की दर 22 प्रतिशत से घटाकर 17 प्रतिशत करने, डीजल-पेट्रोल के मद में सरकारी बकाया का भुगतान जल्द करने सहित अन्य मांगों को लेकर दस दिनों के अंदर राज्य सरकार, तेल कंपनी और पेट्रोलियम संगठन के प्रतिनिधियों को शामिल कर एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित करने का आग्रह किया गया। एसोसिएशन की ओर से इसको लेकर रांची में बैठक हुई। एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि सरकार के कमेटी का गठन नहीं करने की स्थिति में 13 से 20 दिसंबर तक पूरे राज्य में जन जागरण अभियान चलाकर लोगों के समक्ष हम अपना पक्ष रखेंगे। इसके बाद 21 दिसंबर को टोकन स्ट्राइक करेंगे। इसके तहत उस दिन पेट्रो उत्पादों की कोई खरीद-बिक्री नहीं होगी।
अध्यक्ष के नेतृत्व में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव को एक ज्ञापन सौंपा गया। जेपीडीए की ओर से कहा गया कि सरकारी बकाया के बारे में वित्त मंत्री ने अपने सचिव से कहकर उन सभी सरकारी विभागों को नोटिफिकेशन जारी करवाने का आश्वासन दिया, जो उधार में पेट्रोल डीजल भरवाते हैं। एसोसिएशन ने बताया कि राज्य सरकार का पेट्रोल पंपों पर करीब 35 करोड़ रुपये का बकाया है।
वैट बढ़ने से घटा 3.6 प्रतिशत कारोबार
जेपीडीए के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा है कि पिछली सरकार ने फरवरी 2015 में डीजल पर वैट की दर 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 22 प्रतिशत कर दिया था। इससे कारोबार में 3.6 प्रतिशत की गिरावट आ गई। वर्ष 2016-17 में 12-12 प्रतिशत का घाटा हुआ। उसके बाद केंद्र द्वारा पेट्रो उत्पाद में 2.5 रुपये की कटौती की तो कुछ राहत मिली। लेकिन अप्रैल 2021 में 2.5 रुपये की कटौती वापस ले ली। उसके बाद से सेल में लगातार गिरावट दर्ज है।
बायोडीजल की आड़ में इंडस्ट्रियल आयल की आपूर्ति
एसोसिएशन ने कहा कि राज्य में कुछ लोग बायोडीजल की आड़ में इंडस्ट्रियल आयल की आपूर्ति कर रहे हैं, जो पर्यावरण एवं वाहनों के लिए नुकसानदायक है। राज्य सरकार इसे संज्ञान में लेते हुए बायोडीजल का कारोबार बंद करने के लिए कार्रवाई करे। जैसा कि गुजरात सरकार द्वार इसके खिलाफ किया गया है।