Petrol Politics: झारखंड में पड़ोसी राज्यों से महंगा बिक रहा पेट्रोल-डीजल, पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन मुखर

झारखंड के मुकाबले पड़ोसी राज्य बिहार और पश्चिम बंगाल में पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट कम है। इस कारण झारखंड में पेट्रोल और डीजल की कीमतें ज्यादा हैं। प्रति लीटर दो से तीन रुपये का अंतर है। कोलफील्ड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार वैट घटाने की मांग की है।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 10:44 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 07:24 AM (IST)
Petrol Politics: झारखंड में पड़ोसी राज्यों से महंगा बिक रहा पेट्रोल-डीजल, पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन मुखर
कोलफील्ड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के संजीव राणा, अशोक सिंह और शरत दुदानी।

धनबाद, जेएनएन। राजस्थान में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर पहुंच जाने के बाद देश में पेट्रोल-डीजल के मूल्य वृद्धि को लेकर राजनीति गर्म है। झारखंड में पेट्रोल की कीमत 88 रुपये तक पहुंच गई है। यह पड़ोसी राज्य बिहार और पश्चिम बंगाल से कुछ ज्यादा है। इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सरकार द्वारा पेट्रोल पर केंद्र द्वारा टैक्स घटाने की स्थिति में राज्य में भी घटाने की घोषणा और पश्चिम बंगाल में एक रुपये टैक्स घटाने के बाद झारखंड के पेट्रोल पंंप मालिकों के समक्ष विकट स्थिति पैदा हो गई। अब झारखंड के मुकाबले पश्चिम बंगाल में एक रुपया और सस्ता पेट्रोल-डीजल हो गया है। ऐसे में सीमावर्ती क्षेत्रों में उपभोक्ता झारखंड के बजाय पश्चिम बंगाल में ही जाकर पेट्रोल-डीजल लेना मुनासिब समझ रहे हैं। इसे लेकर कोलफील्ड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने झारखंड सरकार के वैट घटाने की मांग की है। 

हेमंत सरकार से 4 फीसद वैट कम करने की मांग

कोलफील्ड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार से चार प्रतिशत वैट कम करने की मांग की है। इसके लिए जल्द ही मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री को मांग पत्र साैंपा जाएगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि पड़ोसी राज्य बंगाल में 17 प्रतिशत वहीं बिहार में 19 प्रतिशत वैट है। जबकि झारखंड में 22 प्रतिशत वैट है। ऐसे में पड़ोसी राज्य का कोई भी व्यक्ति यहां तेल क्यों खरीदेगा?  तेल की कीमतें बढ़ने से आम आदमी परेशान तो हैं ही पेट्रोल पंपों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को चाहिए कि वैट कम कर इस उद्योग को बचाए। उन्होंने कहा कि सरकार को सबसे अधिक राजस्व पेट्रोल और डीजल से ही प्राप्त होता है। सचिव संजीव राणा ने कहा कि सरकार से मांग है कि तत्काल वैट को कम करे। यदि सरकार वैट कम नहीं करती है तो एसोसिएशन आंदोलन करने से भी नहीं चुकेगा। इस मौके पर एसोसिएशन के शरत दुदानी, प्रेम सिंह, हेमंत सिंह, वीरेंद्र भगत, ब्रजेश राय आदि उपस्थित थे।

25 रूपये के तेल पर 69 रूपये का टैक्स

तेल की कीमत से कहीं अधिक उसपर लगने वाला टैक्स है। इसको हम ऐसे समझे कि यदि पेट्रोल की कीमत 100 रूपये है तो उसपर झारखंड सरकार 22 प्रतिशत वैट लेती है वहीं केंद्र सरकार का वैट 47 प्रतिशत है। वहीं तेल की कीमत 25 प्रतिशत के आसपास पड़ता है। जबकि छह रूपये में डीलर्स, ट्रांसपोटिंग व अन्य खर्च जुड़े हुए हैं। एसोसिएशन का कहना है कि यदि वैट में कमी की जाए तो लोगों पर अतिरिक्त बोझ नहीं बढ़ेगा। वहीं डीलर्स के समक्ष भी समस्या खड़ी नहीं होगी।

झारखंड के मुकाबले पश्चिम बंगाल में 1.30 रुपये पेट्रोल सस्ता

पश्चिम बंगाल में वर्तमान में वैट 17% है जबकि झारखंड में यह 22% है। झारखंड में टैक्स पश्चिम बंगाल की तुलना में 5% ज्यादा है। 1 लीटर तेल में यह फासला एक रुपए 30 पैसा अभी वर्तमान में है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने टैक्स में 1% की कटौती की घोषणा कर दी है। ऐसे में झारखंड में यह फासला और बढ़ेगा। झारखंड में तेल बंगाल के अपेक्षा 2.30  रुपये महंगा होगा। इसी स्थिति में झारखंड में पेट्रोलियम व्यवसाय पूरी तरह चरमरा जाएगी। 

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