लो-प्रेशर से पानी को तरस रहा पहरूडीह
मसलिया के धोबना हरिणबहाल पंचायत के जेरूवाडीह गांव में पेयजल स्वच्छता विभाग की ओर से स्थापित किया गया था लेकिन लो प्रेशर के चलते गांव को पानी नसीब नहीं हा ेपा रहा है।
मसलिया के धोबना हरिणबहाल पंचायत के जेरूवाडीह गांव में पेयजल स्वच्छता विभाग की ओर से स्थापित बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना के लाभ से रानीघाघर पंचायत के पहरुडीह गांव के ग्रामीण वंचित है। जबकि, इस परियोजना से कुंजबोना, धोबनाहरिण बहाल, रानीघाघर व गोलबंधा पंचायत के कुल 22 गांवों के 2600 घरों में पानी पहुंच रहा है। तय लक्ष्य 2693 घरों का है। लगभग साढ़े 14 करोड़ की लागत से यह योजना बनी है। रानीघाघर पंचायत में पहरुडीह गांव के 140 घरों तक पाइपलाइन बिछाकर नल से जोड़ दिया गया है पर ग्रामीणों को पानी नसीब नहीं हो सका है। ग्रामीणों ने बुधवार आक्रोश जताते हुए पेयजलापूर्ति की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि पाइप तो गांव व घर तक पहुंचा दिया गया है पर एक बूंद जल नहीं मिल पाया है। विरोध जताने वालों में पहरुडीह के ग्राम प्रधान बबलू हांसदा, आशारानी हांसदा, सीतमुनी मुर्मू, बहामुनी हेम्ब्रम, जयंती हेम्ब्रम, मालोती मुर्मू, परिमला हेम्ब्रम, फुलमुनी देवी, सोबोरी किस्कू, गोमस हांसदा, दुलाल घांटी, बलदेव हांसदा, उत्तम कुमार घांटी, मनबोध राणा, धनेश्वर हांसदा,रामेश्वर मरांडी, डीजल हांसदा,कालिद राणा,राजेन मरांडी समेत कई शामिल थे।
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पानी न पहुंचने की यह है वजह
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पहरूडीह गांव सबसे ऊंचाई पर है और इसकी वजह से पानी का प्रेशर वहां तक नहीं पहुंच पा रहा है। इसी तकनीकी अड़चन के कारण गांव के लोग पानी से वंचित है। यहां के ग्रामीणों को पानी मुहैया कराने के लिए एक एचवाइडीटी बनाने का प्रस्ताव विभाग को दिया गया है। उम्मीद है की बरसात के बाद इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाया जाए। इसके अलावा इस परियोजना से फरवरी से मई तक ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पाता है। कारण नदी में बालू की कमी है और जल स्तर को बरकरार रखने के लिए यहां एक चेक डैम का निर्माण प्रस्तावित है। अगर चेकडैम का निर्माण करा दिया जाता है तो इस योजना से सालों भर पानी नसीब हो सकेगा। जलापूर्ति व्यवस्था को सुचारू रखने लिए बिजली आपूर्ति को भी ठीक करना होगा।
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