झारखंड के लोग बिहार में थाना व सीआरपीएफ कैंप खोलने की लगा रहे गुहार

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी भी गिरिडीह की सीमा से सटे जमुई जिले के क्षेत्र में थाना एवं सीआरपीएफ कैंप खोलने की मांग कर चुके हैं। पूर्व में बाबूलाल ने इस संबंध में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं मुख्य सचिव से वार्ता भी की थी।

By MritunjayEdited By: Publish:Wed, 07 Jul 2021 11:53 AM (IST) Updated:Wed, 07 Jul 2021 11:53 AM (IST)
झारखंड के लोग बिहार में थाना व सीआरपीएफ कैंप खोलने की लगा रहे गुहार
झारखंड बिहार की सीमा पर थाना खोलने की मांग ( सांकेतिक फोटो)।

दिलीप सिन्हा, गिरिडीह। बिहार के जमुई जिला स्थित चकाई प्रख्ंाड की बरमोरिया पंचायत के पंदना में थाना और सीआरपीएफ कैंप खोलने की मांग झारखंड के लोग कर रहे हैं। गिरिडीह स्थित भेलवाघाटी की निवर्तमान मुखिया प्रभावती बरनवाल ने बिहार के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर यह मांग की है। प्रभावती के अनुसार, भेलवाघाटी की सीमा से सटे बरमोरिया और बोंगी पंचायत के करीब दो दर्जन सुदूर गांवों में माओवादियों का अड्डा है। यहां लड़ाके की भर्ती से लेकर ट्रेङ्क्षनग तक दी जाती है। बिहार में फल-फूल रहे माओवादी झारखंड पहुंचकर ङ्क्षहसक वारदात को अंजाम देते हुए सीमा पार कर जाते हैं। ङ्क्षहसक वारदात के बाद चकाई थाने की पुलिस झारखंड होते हुए करीब 45 किलोमीटर सफर तय कर इस इलाके में पहुंचती है। उनका कहना है कि अगर पंदना में थाना खुलता है तो माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लग सकेगा और दोनों ही राज्यों की सीमा पर बसे गांवों में जान-माल की रक्षा होगी। प्रभावती के अलावा गिरिडीह के दर्जनों लोगों ने बिहार सरकार से सीमावर्ती इलाकों में थाना व सीआरपीएफ कैंप खोलने की गुहार लगाई है।

मुखिया के आवास पर हुई फायङ्क्षरग में बेटे समेत दो की गई थी जान

बिहार की सीमा से सटे भेलवाघाटी में मुखिया प्रभावती बरनवाल के आवास पर 12 फरवरी 2017 की देर शाम पुलिस की वर्दी में बिहार से आए माओवादियों ने अंधाधुंध फायङ्क्षरग की थी। इस फायङ्क्षरग में गोली लगने से मुखिया के बेटे सुभाष बरनवाल और उसके सहयोगी श्याम सुंदर पंडित की मौत हो गई थी। इस घटना में मुखिया के पति गौरी शंकर प्रसाद बरनवाल और छोटे बेटे अविनाश कुमार बरनवाल को भी गोली लगी थी।

बाबूलाल भी नीतीश कुमार से कर चुके हैं मांग

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी भी गिरिडीह की सीमा से सटे जमुई जिले के क्षेत्र में थाना एवं सीआरपीएफ कैंप खोलने की मांग कर चुके हैं। पूर्व में बाबूलाल ने इस संबंध में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं मुख्य सचिव से वार्ता भी की थी। बाबूलाल का भी कहना है कि तिसरी एवं भेलवाघाटी से सटे बिहार के इलाकों में थाना व सीआरपीएफ कैंप खोल दिए जाए तो माओवादियों पर अंकुश लग जाएगा।

झारखंड की सीमा के उस पार 60 किमी. की दूरी पर है पहला थाना

झारखंड की सीमा के उस पार 60 किमी. की दूरी पर पहला थाना चकाई है। इस कमजोरी का फायदा माओवादी उठा रहे हैं। गिरिडीह से सटे बिहार के इलाके मेंं माओवादियों का अड्डा है। बिहार से आकर यही दस्ता झारखंड में ङ्क्षहसा व लेवी वसूलता है। इसके बाद सुरक्षित बिहार निकल जाता है। चकाई से पुलिस को गिरिडीह से सटे अपने इलाके में आने के लिए गिरिडीह के देवरी होकर पहुंचना पड़ता है।

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