बिनोद धाम से पवित्र मिट्टी लेकर रांची के लिए निकल पड़ी है पदयात्रा, 160 किलोमीटर की पैदल तय करेंगे दूरी

बिनोद धाम बलियापुर धनबाद से राजभवन रांची तक 160 किलोमीटर की विशाल पदयात्रा निकल पड़ी है। गाजे बाजे झंडे बैनर और लाव लश्कर के साथ लोग उत्साहित होकर इसमें शामिल हो रहे हैं। पदयात्रा की शुरुआत गुरुवार को बिनोद बिहारी की जयंती के अवसर पर बलियापुर से हुई।

By Atul SinghEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 11:54 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 11:54 AM (IST)
बिनोद धाम से पवित्र मिट्टी लेकर रांची के लिए निकल पड़ी है पदयात्रा, 160 किलोमीटर की पैदल तय करेंगे दूरी
बिनोद धाम बलियापुर धनबाद से राजभवन रांची तक 160 किलोमीटर की विशाल पदयात्रा निकल पड़ी है।

जागरण संवाददाता, धनबाद : बिनोद धाम बलियापुर धनबाद से राजभवन रांची तक 160 किलोमीटर की विशाल पदयात्रा निकल पड़ी है। गाजे बाजे, झंडे बैनर और लाव लश्कर के साथ लोग उत्साहित होकर इसमें शामिल हो रहे हैं। पदयात्रा की शुरुआत गुरुवार को बिनोद बिहारी की जयंती के अवसर पर बलियापुर से हुई। टोटेमिक कुरमी-कुड़मी विकास मोर्चा के हजारों लोगों के साथ बिनोद बाबू के वंशजों की उपस्थिति में बिनोद धाम से पवित्र मिट्टी लेकर राजभवन रांची के लिए रवाना हुए। बलियापुर चौक, विनोद बाबू चौक, पहाड़पुर, पलानी, धोकरा, करमाटांड़, डांगी मोड़, स्टील गेट, रणधीर वर्मा चौक, विनोद बाबू स्टेचू, रेलवे स्टेशन, धनबाद श्रमिक चौक, बैंक मोड़, गोधरा, केंदुआ करकेंद, पुटकी, महोदा बाजार होते हुए कपूरिया मोड़ में रात्रि विश्राम किया। आज सुबह पदयात्रा तेलमच्चो पुल होते हुए आगे बढ़ी।

बोकारो जिले में प्रवेश करेगी। यहां जोधाडीह मोड़, धर्मशाला मोड़, हवाई अड्डा, नया मोड़, बालीडीह में रात्रि विश्राम करेगी। 25 सितंबर को पदयात्रा जैना मोड़, पेटरवार होते हुए रामगढ़ जिले में प्रवेश करेगी। पदयात्रा रामगढ़ में शंघाई घाटी, चक्रवाली चौक, मगनपुर चौक होते हुए झिंझरीटांड़ पहुंचेगी। इसके बाद यहां रात्रि विश्राम होगा। 26 सितंबर को सुबह सोसो चौक, हेमंतपुर, डीवीसी चौक गोला, कालीनाथ चौक, कमता, कोईया, अलगडीहा, सोटई चौक, बरियातू बाजार, सिकिदिरी घाटी होकर पदयात्रा काफिले के साथ रांची में प्रवेश करेगी और रात्रि विश्राम ओरमांझी में होगा। 27 सितंबर को सुबह ब्लॉक चौक ओरमांझी में समाज के लगभग 20 हजार से भी अधिक लोग पवित्र मिट्टी का दर्शन करेंगे और नौ बजे काफिले के साथ पदयात्रा विकास, बीआइटी मोड़, बूटी मोड़, बरियातू, कचहरी चौक होते हुए जाकिर हुसैन पार्क पहुंचेगी। वहां पहुंचकर समाज के 11 सदस्य प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को पवित्र मिट्टी एवं मांग पत्र सौंपेंगे। पदयात्रा शामिल लोग पारंपरिक पोशाक, धोती एवं गंजी में रहेंगे। पदयात्रा के माध्यम से झारखंड सरकार से महापुरुष बिनोद बिहारी महतो को झारखंड पितामह का दर्जा देने, बोकारो एयरपोर्ट का नामकरण बिनोद बिहारी महतो एयरपोर्ट करने, सरकारी पाठ्यक्रम में बिनोद बिहारी महतो की जीवनी शामिल करने, राजभवन एवं विधानसभा में बिनोद बाबू का आदमकद प्रतिमा लगाने एवं राजधानी रांची में बिनोद बाबू का समाधि स्थल बनाने की मांग करेंगे। पदयात्रा में आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध है। इसमें एंबुलेंस, जरूरी दवाएं और चिकित्सक शामिल हैं। एक बड़ा वाहन है और दो अन्य गाड़ियां भी हैं। ये आगे और पीछे पदयात्रियों का निगरानी करेंगे। बिनोद बाबू का फोटो लगा हुआ एक रथ फूलों से सजा हुआ है। ढांक-नगाड़ा बाजा वालों का वाहन भी शामिल है।

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