BCCL Engineer Suicide Case: सुशांत सिंह राजपूत की सुसाइड को बताया था पागलपन, खुद चुना वही रास्ता
एक साल पहले जब अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी तो विपिन ने अपने सहकर्मियों के बीच सुशांत की सुसाइड को पागलपन करार दिया था। अब उनके कथन को याद कर सोच में पड़ गए हैं।
पंचेत, जेएनएन। बीसीसीएल के युवा अधिकारी 30 वर्षीय विपिन कुमार की आत्महत्या के बाद उनके साथ काम करने वाले कंपनी के तमाम अधिकारी और कर्मचारी हतप्रभ हैं। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि विपिन ने यह कदम कैसे उठा लिया। उनके साथ काम करने वाले विपिन के एक साल पहले के कथन को याद कर रहे हैं। एक साल पहले जब अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी तो विपिन ने अपने सहकर्मियों के बीच सुशांत की सुसाइड को पागलपन करार दिया था। अब उनके कथन को याद कर सोच में पड़ गए हैं।
आइआइटी रुड़की के पासआउट थे विपिन
बीसीसीएल सीवी एरिया की दहीबाड़ी परियोजना में पदस्थापित सहायक प्रबंधक (इलेक्ट्रिकल एंड मैकनिकल) 30 वर्षीय विपिन कुमार ने पश्चिम बंगाल के बराकर स्थित किराए के घर में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। 24 फरवरी की सुबह जब घर साफ करनेवाली आई तो दरवाजा खटखटाने के बाद भी नहीं खुला। उसने सोचा रविवार के कारण साहब देर से उठेंगे। यह सोच वापस चली गई। दुबारा करीब 10 बजे आई तो उस समय भी दरवाजा बंद मिला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। स्थानीय पुलिस ने आकर दरवाजा तोड़ा। घर के अंदर सहायक अभियंता विपिन कुमार का शव पंखे से लटकता हुआ मिला। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए आसनसोल भेज दिया है। विपिन कुमार ने वर्ष 2017 में बीसीसीएल में योगदान दिया था। इन्होंने आइआइटी रुड़की से अध्ययन किया था।
दो साल पहले डॉ. पारुल सिंह से हुई थी शादी
दो साल पूर्व पत्नी डॉ. पारुल सिंह से शादी थी जो अभी मुरादाबाद में सरकारी चिकित्सक है। मृतक अभियंता की चार माह की बच्ची भी है। पिछले कई माह से पत्नी बराकर में साथ में थी। 29 दिसंबर को यहां से पत्नी व बच्चे को लेकर गए। वहां से अकेले 20 जनवरी को लौटे। पिता राजस्थान में हिंदुस्तान जिंक में कार्यरत हैं। वे मूल रूप से मेरठ के रहनेवाले हैं, लेकिन फिलहाल आरबीएच कॉलोनी चंदौसी चित्तौरगढ़ राजस्थान में रहते हैं।
छुट्टी से लौटने के बाद गुमसुम रहते थे विपिन कुमार
सहायक प्रबंधक अभियंता इसी 20 जनवरी को छुट्टी से लौटे थे। घर लौटने के बाद गुमसुम रहते थे। उनके सहयोगियों ने बताया कि उनका व्यवहार कुशल था। कम बोलने के कारण लोग समझ नहीं पाए। बताया जाता है कि सहायक प्रबंधक ने घटना से पहले अपने मोबाइल के वाट््सएप फोटो बदल दिया। पहले उनके वाटसएप प्रोफाइल में कार चलाते हुए फोटो लगा हुआ था, लेकिन मौत के बाद जांच में सिर्फ हथेली का फोटो है। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में 28 मई को लिखा था कि पता नहीं लोग पाताल लोक से नफरत क्यों करते हैं।