IIT ISM Dhanbad: खूब पसंद किया जा रहा है हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कार, उत्सर्जन, ईंधन अर्थव्यवस्था में सुधार का विकल्प इलेक्ट्रानिक वाहन
पेट्रोल डीजल से परेशान लोगों के लिए अच्छी खबर है। अब जल्द ही भारत में इलेक्ट्रानिक कार आने वाली है। इससे लोगों को राहत मिलेगी। इसके लिए धनबाद स्थित आइएसएम में सेमिनार आयोजित की गई थी। जिसमे इस विषय पर विचार किया गया।
जागरण संवाददाता, धनबाद: आइआइटी आइएसएम धनबाद के माइनिंग मशीनरी इंजीनियरिंग विभाग की ओर से आयोजित दाे दिवसीय आनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कार्यशाला का विषय प्राेपल्जन सिस्टम फार इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड वाहन था। कार्यशाला का मुख्य जोर उत्सर्जन को कम करने और ईंधन अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए परिवहन के विद्युतीकरण पर था। परिवहन क्षेत्र कई विकसित और विकासशील देशों में कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के एक महत्वपूर्ण अंश का प्रतिनिधित्व करता है।
आंतरिक दहन इंजन वाहनों के निरंतर उपयोग के साथ, परिवहन क्षेत्र से सीओटू उत्सर्जन में निरंतर वृद्धि होगी। यूएस एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन (ईआईए) के अनुसार, बिजली उत्पादन के बाद परिवहन क्षेत्र यूएस में ऊर्जा का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। तीन बड़े देशों, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और भारत में वैश्विक सीओटू उत्सर्जन में भारत का हिस्सा 2.5 गीगाटन है। जबकि चीन का हिस्सा 9.8 गीगाटन और संयुक्त राज्य अमेरिका का 4.9 गीगाटन है। इसलिए उत्सर्जन को कम करने और ईंधन अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए परिवहन के विद्युतीकरण पर जोर दिया जा रहा है। कई देशों में कई इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड और ईंधन सेल वाहनों को पहले ही तैनात किया जा चुका है। कार्यशाला में प्रो. कौशिक द्वारा इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन प्रणोदन वास्तुकला, वर्गीकरण, संचालन के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की गई। इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों से संबंधित वर्तमान रुझानों और भविष्य की तकनीकों पर भी चर्चा की जाती है। इस कार्यशाला में शिक्षा जगत और उद्योग जगत से कई प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यशाला का संचालन खनन मशीनरी इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. एलए कुमारस्वामी दास, प्रो. तनवीर आलम, प्रो.आरआर दास किया गया। जा रहा है।
खूब पसंद किया जा रहा है हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कार
प्राे काैशिक राजशेखर ने कहा कि इलेक्ट्रिक कार सबसे पहले वर्ष 1834 में आई थी, जिसे थाॅमस डेवेनपाेर्ट ने बनाया था। हालांकि यह नन-रिचार्जेबल बैटरी की मदद से चलाया गया था। वहीं भारत में बेंगलुरु की रेवा इलेक्ट्रिक कार कंपनी ने वर्ष 2001 में पहली बार इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाया था। इसे डा. एसके मैनी ने तैयार किया था। वर्ष 2010 में इस व्हीकल कंपनी काे महिंद्रा ने खरीद लिया और नाम रेवा महिंद्रा हाे गया। यह वर्ष 2016 में महिंद्रा इलेक्ट्रिक माेबिलिटी लिमिटेड बन गया। हालांकि अब कई कंपनियां देश-विदेश में आ चुकी हैं। कार ही नहीं, दाे पहिया वाहन भी बाजार में आ चुके हैं।