Coal India Retired Worker: 15 वर्ष से पेंशन सुधरवाने काे दाैड़ रहे काेयला अधिकारी, अब करेंगे आमरण अनशन
एचके चाैधरी 30 नवंबर 2006 काे परियाेजना पदाधिकारी राजहरा ससीएल से सेवानिवृत्त हुए। काेल माइंस प्राविडेंट फंड आर्गनाइजेशन ने उनका पेंशन 8895 रुपये तय कर दी। यह जून 1976 से उनकी सेवाओं के आधार पर तय किया गया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: एचके चाैधरी 30 नवंबर 2006 काे परियाेजना पदाधिकारी राजहरा ससीएल से सेवानिवृत्त हुए। काेल माइंस प्राविडेंट फंड आर्गनाइजेशन ने उनका पेंशन 8895 रुपये तय कर दी। यह जून 1976 से उनकी सेवाओं के आधार पर तय किया गया है। दुर्भाग्यवश उनके जेएमई के ताैर पर पहली अगस्त 1973 से किए गए कार्य काे नहीं जाेड़ा गया है। उन्हाेंने इस मुद्दे काे रांची में क्षेत्रीय सीएमपीएफ आयुक्त के समक्ष उठाया लेकिन पिछले 15 वर्षाें में इस पर काेई कार्रवाई नहीं की गई है। पिछले 15 वर्षाें में चाैधरी ईसीएल मुख्यालय सांकताेड़िया, आसनसाेल, सीएमपीएफ क्षेत्रीय कार्यालय आसनसाेल, सीसीएल मुख्यालय रांची व सीएमपीएफओ क्षेत्रीय आयुक्त कार्यालय रांची दाैड़ते-दाैड़ते थक चुके हैं। उन्हाेंने काेल इंडिया चेयरमैन और सीएमपीएफओ आयुक्त धनबाद काे भी कई पत्र लिखे। काेई फायदा नहीं हुआ। थक हारकर उन्हाेंने 16 अगस्त काे सीएमपीएफओ मुख्यालय धनबाद के सामने मृत्यु तक भूख हड़ताल की चेतावनी दी है।
उनके निर्णय के बाद आल इंडिया एसाेसिएशन आफ कोल एक्जीक्यूटिव्स के राष्ट्रीय महासचिव पीके सिंह राठाैड़ ने काेयला सचिव काे पत्र लिखकर सीएमपीएफओ को पेंशन मामलाें का निपटारा करने का निर्देश देने की मांग की है। राठाैड़ ने काेयला सचिव काे लिखे पत्र में बताया है कि ऐसा नहीं हाेने पर पूर्व काेल इंडिया अधिकारी व एआइएसीई सदस्य 16 अगस्त से आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। यदि सीएमपीएफओ गंभीर पहल नहीं करता ताे स्थिति भयावह हाे सकती है। उन्हाेंने कहा है कि चाैधरी एआइएसीई के सदस्य हैं। उन्हाेंने एसाेसिएशन के समक्ष भी यह मामला 2018 में रखा। गलत गणना के कारण उन्हें कम पेंशन दिया जा रहा है। उनके केस पर काेल इंडिया की दाे अनुषंगी कंपनियां ईसीएल व सीसीएल और सीएमपीएफओ के आसनसाेल व रांची क्षेत्रीय कार्यालयाें के बीच फंसा हुआ है। ऐसा महसूस हाे रहा है कि चाैधरी हर प्रयास कर थक चुके हैं और हताेत्साहित हाे चुके हैं। वे मान चुके हैं कि धनबाद सीएमपीएफओ मुख्यालय यदि पेंशन में संशाेधन नहीं करता ताे उनके पास मृत्यु के अलावा काेई रास्ता नहीं बचा है। यदि चाैधरी आमरण अनशन पर बैठते हैं ताे मांग पूरी हाेने तक एआइएसीई के अन्य सदस्य भी उनके साथ बैठेंगे।
राठाैड़ ने काेयला सचिव से मांग की है कि वे इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करें और अपने मातहत आने वाले तमाम विभागाें के कामकाज की समीक्षा करें। सचिव सीएमपीएफओ बोर्ड आफ ट्रस्टी के अध्यक्ष भी हैं। लिहाजा इससे पहले कि काेई गंभीर हादसा हाे, वे मसले का समाधान करें।