अभिभावक महासंघ ने बाल संरक्षण से की श‍िकायत; स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने की मांग Dhanbad News

जिले के पब्लिक स्कूल में पढ़ाई कर रहे बच्चों के माता पिता स्कूल की मनमानी से परेशान है। कोविड के दौरान पहले पब्लिक स्कूलों ने पहले तो शुल्क बढ़ा दिया और अब शुल्क नहीं देने पर तरह-तरह के हथकंडे अपना कर अभिभावकों पर शुल्क देने का दबाव बना रहे हैं।

By Atul SinghEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 04:18 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 04:18 PM (IST)
अभिभावक महासंघ ने बाल संरक्षण से की श‍िकायत; स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने की मांग Dhanbad News
जिले के पब्लिक स्कूल में पढ़ाई कर रहे बच्चों के माता पिता स्कूल की मनमानी से परेशान है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

 धनबाद, जेएनएन : जिले के पब्लिक स्कूल में पढ़ाई कर रहे बच्चों के माता पिता स्कूल की मनमानी से परेशान है। कोविड के दौरान पहले पब्लिक स्कूलों ने पहले तो शुल्क बढ़ा दिया और अब शुल्क नहीं देने पर तरह-तरह के हथकंडे अपना कर अभिभावकों पर शुल्क देने का दबाव बना रहे हैं।

लगातार इसकी शिकायतें देखने और सुनने को मिल रही है। स्कूलों  के मनमानी के शिकार अभिभावक कभी सोशल साइट पर अपनी दर्द बयां कर रहे हैं तो कई अभिभावक महासंघ से इसकी शिकायत कर आवश्यक कदम उठाने को कह रहे हैंं। कई पब्लिक स्कूलों में तो टेस्ट भी शुरू हो गया है।

फीस बकाया रखने वाले बच्चों को ग्रुप से निकालने की शिकायत आ रही है तो कई शुल्क ऑनलाइन क्लास में ही ऐसे बच्चों से दूरी बना रहे हैं। कुछ स्कूल तो बच्चों को किताब तक देने में परहेज कर रहे हैं और फीस जमा करने तक की बात कर रहे हैं। लगातार आ रही है शिकायतों के बाद अभिभावक महासंघ ने जिले के 14 पब्लिक स्कूलों के खिलाफ राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग से शिकायत की है। महासंघ के महासचिव मनोज मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश के बाद भी पब्लिक स्कूल मनमानी कर अभिभावकों को फीस जमा करने के लिए बाध्य कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आयोग से कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौर में आर्थिक तंगी से गुजर रहे अभिभावकों के हितों की रक्षा करते हुए बच्चों को मानसिक प्रताडुना से मुक्ति दिलाते हुए आरटई की धारा 16 एवं 17 की अवमानना पर रोक लगाने की कृपा करें। 

कोविड संक्रमण 2.0 में भी स्कूल बंद हैं। आठवी से 12वीं तक स्कूल खुले भी तो संक्रमण से उपजे हालात के बाद बंद कर दिया गया। बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैंं। ऑनलाइन पढ़ाई ही एकमात्र विकल्प है।

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