उस्ताद को दफन किए जाने के बाद उनके कफन की टोपी बना पहनता रहा : पंडित छन्नू

धनबाद गुरू ने सिर के पीछे मारते हुए कहा था कि आज के बाद तुम्हें कोई नहीं मारेगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 Feb 2020 02:20 AM (IST) Updated:Sat, 29 Feb 2020 02:20 AM (IST)
उस्ताद को दफन किए जाने के बाद उनके कफन की टोपी बना पहनता रहा : पंडित छन्नू
उस्ताद को दफन किए जाने के बाद उनके कफन की टोपी बना पहनता रहा : पंडित छन्नू

धनबाद : गुरू ने सिर के पीछे मारते हुए कहा था कि आज के बाद तुम्हें कोई नहीं मारेगा। उन्होंने मेरे गोद में दम तोड़ा। दफन किए जाने से पहले उनके कफन से कपड़ा काट लिया और उसकी गांधी टोपी पहनता रहा। ये बातें पद्म भूषण से सम्मानित पंडित छन्नू लाल मिश्र ने कही। वर्तमान दौर में देश के हालत पर चर्चा करते हुए कहा कि पहले हिदू-मुस्लिम में कोई फर्क नहीं था। उनके गुरू उस्ताद अब्दुल गनी ने उन्हें शास्त्रीय संगीत की शिक्षा दी। उन्हें मैं अपने पिता और वे मुझे अपने बेटे की तरह मानते थे। कभी जाति या धर्म को लेकर कोई फासला नहीं दिखा। यही कारण था कि उनके जाने के बाद मैंने उनके कफन की टोपी अपने सिर पर धारण किया। भारत की धर्मनिरपेक्षता का बखान करते हुए पंडित मिश्र ने कहा कि जो हिदू है वही मुसलमान और जो साधु है और वही फकीर भी है। पुरस्कार लौटाने वालों को करारा जवाब देते हुए कहा कि जो सम्मान लौटा रहे हैं, वे देश का अपमान कर रहे हैं।

धनबाद रेल मंडल की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुति देने पहुंचे पंडित मिश्र ने कहा कि आज के संगीत में शास्त्र ही नहीं है। आज फास्ट और फ्यूजन संगीत का जमाना है। जबकि पश्चिमी सभ्यता से आए संगीत ने हमारे गीतों से शास्त्र सीख रही हैं। वर्तमान दौर में गाए जा रहे गीतों पर कहा कि अब शास्त्रीय संगीत कोई नहीं गाता है, बल्कि अभिजात संगीत का प्रचलन हो गया है। शास्त्रीय संगीत ऋषियों की देन है। ख्याल गायिकी बे ख्याल हो गई है। उन्होंने कहा कि आज के लोग फास्ट गीत सुनना पसंद करते हैं और इसी कारण उन्होंने महफिलों में ठुमरी, सावनी, होली गाना शुरू कर दिया है। काशी, वाराणसी और बनारस तीनों के नामों को परिभाषित करते हुए उन्होंने बताया कि काशी शिव के त्रिशुल पर बसी है। वरुणा से अस्सी तक इसकी पहचान वाराणसी है और जहां के संगीत का रस बना रहे वो बनारस है।

प्रधानमंत्री ईमानदार और कर्मठ : प्रधानमंत्री का प्रस्तावक बनने के संबंध में पंडित छन्नू लाल मिश्र ने कहा कि उन्होंने नरेंद्र मोदी में ईमानदारी और क‌र्त्तव्यनिष्ठा देखी है। उनका स्वभाव पसंद आया। यही कारण रहा कि वे उनके प्रस्तावक बने। आज प्रधानमंत्री ने पूरे बनारस को बदल दिया है। उनके कारण ही गंगा साफ हो रही है। लेकिन कुछ लोभियों को यह पसंद नहीं आ रहा है। पहले यह देश सोने की चिड़िया हुआ करता था, लेकिन आज आपस की लड़ाई में मिट्टी का चिड़िया बन गया है।

अब सत्संग में आनंद लेने और देने जाता हूं : पंडित मिश्र ने वर्तमान दौर में आयोजित हो रहे सत्संग पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सत्संग का अर्थ सत्य का संग है। घर में भी बैठ कर राम का नाम लिया जाए तो वह सत्संग है। आज के सत्संग में महिलाएं नाचती हैं, गाती हैं। यहां आनंद लिया और दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जिस बाबा को जिसकी नाच पसंद आ जाती है उसे प्रसाद देने के लिए बुलाया जाता है।

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