अब दुमका मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की नहीं होगी कमी, अडानी के सहयोग से लग रहा प्लांट
कोरोना की दूसरी लहर में दुमका में ऑक्सीजन की आवश्यकता महसूस नहीं की गई। यहां पर पहले से सारी व्यवस्था की हुई थी। इसके बाद भी अडानी ने एक मेनीफोल्ड नामक छोटा प्लांट और ऑक्सीजन तैयार करने के लिए प्लांट की मंजूरी दी।
दुमका, जेएनएन। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए व अन्य मरीजों को अब ऑक्सीजन के लिए किसी भी जिले पर निर्भर रहना नहीं होगा। दुमका ने अब ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। अडानी के सहयोग से जून के अंत तक ऑक्सीजन प्लांट के शुरू होने की उम्मीद है। मंगलवार को प्लांट का अधिकांश सामान गुजरात से दुमका पहुंच गया है। दो ट्रांसफार्मर भी लगकर तैयार हैं। प्लांट के चालू होने से मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सभी तीन सौ बेड पूरी तरह से ऑक्सीजन युुक्त हो जाएंगे।
अडानी पावर की सराहनीय पहल
दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में जब देश में ऑक्सीजन को लेकर हाय तौबा मची हुई थी, तब दुमका में इसकी आवश्यकता महसूस नहीं की गई। यहां पर पहले से सारी व्यवस्था की हुई थी। इसके बाद भी अडानी ने एक मेनीफोल्ड नामक छोटा प्लांट और ऑक्सीजन तैयार करने के लिए प्लांट की मंजूरी दी। मेनीफोल्ड तैयार करने के लिए आवश्यक सामग्री भेजी। चार दिन पहले 12 जंबो सिलेंडर के माध्यम से सर्जरी वार्ड के 50 बेड को ऑक्सीजन युक्त कर दिया गया। इसके बाद ऑक्सीजन प्लांट निर्माण की दिशा में काम शुरू हुआ। जिला प्रशासन ने इसके लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल के समीप जमीन का चयन किया। इसका प्लेटफार्म भी बनकर तैयार हो गया है। मंगलवार को गुजरात से प्लांट तैयार करने में लगने सारी सामग्री भेज दी गई।
दुमका मेडिकल कॉलेज में हमेशा के लिए खत्म होगा ऑक्सीजन संकट
ऑक्सीजन प्लांट बनने से दुमका में ऑक्सीजन की कमी हमेशा के लिए दूर होगी। अस्पताल के सभी तीन सौ बेड पूरी तरह से ऑक्सीजन युक्त हो जाएंगे। इतना ही नहीं खाली सिलेंडर को भरने के लिए अब दूसरे जिले पर निर्भर नहीं रहना होगा। इसी प्लांट से खाली सिलेंडर भरे जाएंगे। इसका सबसे ज्यादा फायदा कोरोना की संभावित तीसरी लहर में संक्रमित होने वालों को मिलेगा।
प्लांट के लिए लगे दो ट्रांसफार्मर
प्लांट को चलाने के लिए दो नये ट्रांसफार्मर लगकर तैयार हो चुके हैं। मंगलवार को ट्रांसफार्मर को चालू हालत में छोड़ दिया गया है। अब जिस दिन प्लांट काम करने लगेगा, उसी दिन से इन ट्रांसफार्मर से आपूर्ति होने लगेगी।
संभावना है कि जून के अंत तक प्लांट काम करने लगेगा। अभी कुछ सामान आना बाकी है। अब दुमका पूरी तरह से ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा। ऑक्सीजन के लिए किसी पर आश्रित होना नहीं पड़ेगा। सभी तीन सौ बेड पूरी तरह से आक्सीजन युक्त हो जाएंगे।
-डा. अनंत कुमार झा, सिविल सर्जन, दुमका