वेतन की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे आउटसोर्सिंग मजदूर

ईसीएल मुगमा क्षेत्र अंतर्गत चापापुर 10 नंबर ओसीपी में कार्यरत टाइकान इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड आउटसोर्सिग कंपनी के द्वारा मजदूरों का तीन माह का वेतन का भुगतान नहीं किए जाने के विरोध में शनिवार से आउटसोर्सिंग में कार्यरत मजदूरों ने अनिश्चितकाल के लिए काम का बहिष्कार कर धरना पर बैठ गए। मजदूरों का कहना है कि जब तक कंपनी द्वारा बकाए वेतन का भुगतान एवं दुर्गा पूजा के बोनस पर सहमति नहीं बनती काम बंद रहेगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 05:28 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 05:28 PM (IST)
वेतन की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे आउटसोर्सिंग मजदूर
वेतन की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे आउटसोर्सिंग मजदूर

संवाद सहयोगी, निरसा : ईसीएल मुगमा क्षेत्र अंतर्गत चापापुर 10 नंबर ओसीपी में कार्यरत टाइकान इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड आउटसोर्सिग कंपनी के द्वारा मजदूरों का तीन माह का वेतन का भुगतान नहीं किए जाने के विरोध में शनिवार से आउटसोर्सिंग में कार्यरत मजदूरों ने अनिश्चितकाल के लिए काम का बहिष्कार कर धरना पर बैठ गए। मजदूरों का कहना है कि जब तक कंपनी द्वारा बकाए वेतन का भुगतान एवं दुर्गा पूजा के बोनस पर सहमति नहीं बनती काम बंद रहेगा। समाचार लिखे जाने तक आउटसोर्सिंग कंपनी या ईसीएल प्रबंधन की ओर से मजदूरों से बात करने कोई नहीं पहुंचा है। आउटसोर्सिग कंपनी में कार्यरत मजदूर देवा मरांडी, संजीत रजक, चंदन मंडल, लखिदर सोरेन, विमल रवानी, करीम अंसारी, विजय कर्मकार आदि ने बताया कि कंपनी द्वारा मार्च माह का 15 दिन के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। साथ ही जून माह का भी मात्र 15 दिन का वेतन का भुगतान किया गया है। जबकि जुलाई एवं अगस्त माह का पूरे माह के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में हम लोग कैसे काम कर सकते हैं। काम करने के बाद वेतन नहीं मिलने पर हम लोगों के परिवार के समझ भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। दुर्गा पूजा आने वाला है। परंतु दुर्गा पूजा में मजदूरों को कितनी राशि बोनस का भुगतान किया जाएगा। इस संबंध में प्रबंधन द्वारा कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। मजबूर होकर हम सभी मजदूरों ने अनिश्चित काल के लिए काम का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। मजदूरों का ट्रेड यूनियन से हुआ मोहभंग

मजदूरों ने बताया कि हम लोगों ने कई बार ट्रेड यूनियन के नेताओं को बुलाया तथा अपनी समस्याएं बताई। परंतु यूनियन के नेता सिर्फ प्रबंधन के पास जाकर दोनों पक्ष की बात सुनते हैं। परंतु हम लोगों के पक्ष में कोई भी कार्रवाई करवाने में सफल नहीं हो पाए। इस बार हम लोगों ने ट्रेड यूनियन को किनारे कर अपने दम पर लड़ाई शुरू की है। इस बार आर-पार की लड़ाई है। या तो प्रबंधक हम लोगों के बकाए वेतन का भुगतान करेगा या कंपनी का काम बंद रहेगा।

chat bot
आपका साथी