प्रदूषण बोर्ड की सहमति बिना उद्योगों के संचालन पर प्रतिदिन पांच हजार रुपये देना होगा जुर्माना

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कंसेंट टू ऑपरेट के बिना संचालित उद्योगों पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है। बोर्ड ने सभी तरह के उद्योगों को कंसेंट टू ऑपरेट लेना अनिवार्य कर दिया है।

By Deepak PandeyEdited By: Publish:Fri, 26 Apr 2019 12:25 PM (IST) Updated:Fri, 26 Apr 2019 12:25 PM (IST)
प्रदूषण बोर्ड की सहमति बिना उद्योगों के संचालन पर प्रतिदिन पांच हजार रुपये देना होगा जुर्माना
प्रदूषण बोर्ड की सहमति बिना उद्योगों के संचालन पर प्रतिदिन पांच हजार रुपये देना होगा जुर्माना

जागरण संवाददाता, धनबाद: झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने संचालन सहमति यानी कंसेंट टू ऑपरेट के बिना संचालित उद्योगों पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है। बोर्ड ने सभी तरह के उद्योगों को कंसेंट टू ऑपरेट लेना अनिवार्य कर दिया है। बोर्ड द्वारा अधिसूचित लाल, नारंगी और हरी श्रेणी के सभी उद्योग बिना संचालन समिति के संचालित नहीं होंगे।

कंसेंट टू ऑपरेट नहीं लेने वाले उद्योगों का संचालन अवैध माना जाएगा। इस संबंध में बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी राजीव लोचन बक्शी ने निर्देश जारी कर दिया है। संचालन सहमति प्राप्त किए बिना उद्योगों को चलाने पर जल (निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 की धारा 44 तथा वायु (निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 37 के तहत न्यूनतम छह माह और अधिकतम 6 वर्ष सजा का प्रावधान किया गया है। इतना ही नहीं, प्रतिदिन के हिसाब से 5000 रुपये जुर्माना भी देना होगा। बोर्ड ने सभी कैटेगरी के उद्योगों को 10 दिन के अंदर ऑनलाइन पोर्टल पर संचालन सहमति के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया है। धनबाद में रेड कैटेगरी में 45 से अधिक उद्योग शामिल हैं। बोर्ड के क्षेत्रीय पदाधिकारी आरएन चौधरी ने इस संबंध में सभी लोगों और चैंबर को निर्देश जारी कर दिया है। 

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