आइआइटी के छात्र आर्ट ऑफ लिविंग से सीख रहे एकाग्रता

सुदर्शन क्रिया एक सहज लयबद्ध शक्तिशाली तकनीक है जो विशिष्ट प्राकृतिक श्वांस की लयों के प्रयोग से शरीर मन और भावनाओं को एक ताल में लाती है। तनाव थकान और क्रोध निराशा अवसाद जैसे नकारात्मक भावों से मुक्त कर ऊर्जित शरीर के साथ एक गहरा विश्राम प्रदान करती है।

By MritunjayEdited By: Publish:Tue, 05 Jan 2021 09:46 AM (IST) Updated:Tue, 05 Jan 2021 09:46 AM (IST)
आइआइटी के छात्र आर्ट ऑफ लिविंग से सीख रहे एकाग्रता
सुदर्शन क्रिया के निरंतर अभ्यास से मन सजग व तनावमुक्त रहता है।

धनबाद, जेएनएन। आइआइटी आइएसएम में पहली बार आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से इंजीनियरिंग छात्रों के लिए ऑनलाइन स्टूडेंट एक्सीलेंस एंड लर्निंग प्रोग्राम (एसईएलपी) की शुरुआत हुई। यह नौ जनवरी तक जारी रहेगा। इंडक्शन कार्यक्रम में बीटेक के 650 छात्र शामिल हो रहे हैं। विद्यार्थियों की सहमति और उनकी रूचि के अनुसार कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को एकाग्रता, शिक्षण कौशल, तनाव प्रबंधन के उपाय बताए गए।

सुदर्शन क्रिया की जानकारी दी गई। सुदर्शन क्रिया एक सहज लयबद्ध शक्तिशाली तकनीक है जो विशिष्ट प्राकृतिक श्वांस की लयों के प्रयोग से शरीर, मन और भावनाओं को एक ताल में लाती है। यह तकनीक तनाव, थकान और क्रोध, निराशा, अवसाद जैसे नकारात्मक भावों से मुक्त कर शांत व एकाग्र मन, ऊर्जित शरीर के साथ एक गहरा विश्राम प्रदान करती है। इंजीनियरिंग के छात्रों को सुदर्शन क्रिया जरूर करनी चाहिए। यह भी बताया गया कि इसके निरंतर अभ्यास से मन सजग व तनावमुक्त रहता है। कार्यक्रम को 11 बैच में आर्ट ऑफ लिविंग की 22 वरिष्ठ और विशेषज्ञ प्रशिक्षक दो-दो घंटे में पूरा कराएंगे। मुख्य रूप से डीन स्टूडेंट वेलफेयर मृत्यंजय कुमार सिंह और निदेशक राजीव शेखर के सहयोग से कराया जा रहा है। प्रशिक्षक सोनाली सिंह, रिया तायल, प्रशांत गुप्ता, मयंक सिंह, रमणिक बंसल, श्याम अग्रवाल, विवेक अग्रवाल, माहिका शर्मा, रोहित रंजन, सुमित कुमार एवं अखिलेश कार्यक्रम का सरल और सहज तरीके से संचालन कर रही हैं।

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