गिरडीह डाका कांड का धनबाद से जुड़ा तार, अब तक पांच गिरफ्तार

लूटे गए बरामद सामानों में नकद 1.48 लाख रुपये लूटी गई आइ टेन कार गलाया हुआ सोना 50 ग्राम सोने के कान का रिंग नथिया पायल चांदी का कटोरा चांदी की तस्तरी कृत्रिम जेवरात आठ एंड्रायड व सामान्य मोबाइल शामिल है।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 11:56 AM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 11:59 AM (IST)
गिरडीह डाका कांड का धनबाद से जुड़ा तार, अब तक पांच गिरफ्तार
गिरफ्तार अपराधियों के साथ गिरिडीह के पुलिस पदाधिकारी ( फोटो जागरण)।

जागरण संवाददाता, गिरिडीह। शहर के बक्सीडीह रोड स्थित कांग्रेस दफ्तर के समीप रहने वाले व्यवसायी उत्तम गुप्ता के घर हुई डकैती का पुलिस ने पर्दाफाश कर लिया है। पुलिस को यह सफलता घटना के 16वें दिन मिली। डकैती को अंजाम देनेवाले सात में से पांच और लूटे गए जेवरात को खपाने में शामिल रहनेवाला एक आरोपित को गिरफ्तार किया गया है। अपराधी पचंबा के 28 नंबर भंडारीडीह निवासी संजय विश्वकर्मा, राजकुमार पासवान, पलामू जिला के लेस्लीगंज के पिपराखुर्द गांव निवासी आनंद कुमार महतो, धनबाद जिला के बैंक मोड़ थाना अंतर्गत विकास नगर निवासी भुवनेश्वर बेलदार, गिरिडीह के अहिल्यापुर के सिमपुर गांव निवासी सुनील साव समेत जेवरात खपाने वाला पलामू के पांकी के तेतराई गांव लिवासी गोपाल सोनी शामिल हैं। लूटी गई कार को अपराधियों के पास से पलामू के रेहला से बरामद किया गया है। साथ ही जेवरात, नकद व मोबाइल भी अपरधियों के घर से मिले हैं, जबकि 50 ग्राम गलाया गया सोना गोपाल के पास से बरामद हुआ है।

पुलिस लाइन में रविवार को इसकी जानकारी देते हुए मुख्यालय डीएसपी संजय कुमार राणा ने बताया कि घटना को सात अपराधियों ने अंजाम दिया था। इसमें पांच को दबोचा गया है, जबकि गिरफ्तार छठा आरोपित लूटा गया सोना को गलाकर खपाने का काम करता है। दो अन्य अपराधी फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। लगातार पूछताछ के बाद भी कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगने से पुलिस भी हतोत्साहित होने लगी थी लेकिन इसे पुलिस ने चुनौती के रूप में लिया था। कई बिन्दुओं पर अनुसंधान करने के बाद एक छोटा सुराग हाथ लगा और पुलिस छापेमारी करते हुए सफलता हासिल करने में कामयाब रही। तकनीकि सेल इस मामले में फेल हो चुकी थी तो मानवीय तंत्र से मिली सूचना ने इसमें सफलता दिलाई। प्रेसवार्ता में डीएसपी के अलावा थाना प्रभारी रामनारयण चौधरी, पुअनि अशोक कुमार, विमलेश कुमार, किशन कुमार आदि थे।

बरामद सामान

लूटे गए बरामद सामानों में नकद 1.48 लाख रुपये, लूटी गई आइ टेन कार, गलाया हुआ सोना 50 ग्राम, सोने के कान का रिंग, नथिया, पायल, चांदी का कटोरा, चांदी की तस्तरी, कृत्रिम जेवरात, आठ एंड्रायड व सामान्य मोबाइल शामिल है।

टीम में ये थे शामिल

डकैती की घटना का खुलासा करने को ले डीएसपी संजय कुमार राणा के नेतृत्व में छापेमारी टीम बनाई गई थी। इसमें नगर थानेदार आरएन चौधरी, पचंबा थानेदार नीतीश कुमार, पुअनि अशोक कुमार, किशन कुमार, विमलेश कुमार, तकनीकि शाखा के जोधन महतो, पितांबर कुमार पांडेय, रोजश गोप व साइबर थाने के मनीष कुमार वर्मा आदि शामिल थे।

ठेकेदार पर जताई थी आशंका

व्यवसायी ने संदेह व्यक्त करते हुए घर के तीसरे तल्ले का निर्माण कार्य करा रहे ठेकेदार पर आशंका जताते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। ठेकेदार आफताब मिर्जा उर्फ बबलू पचंबा थाना क्षेत्र के सिकदारडीह का रहने वाला है। प्राथमिकी के बाद पुलिस उसे अपने कब्जे में लेकर गहनता से पूछताछ की, लेकिन जांचोंपरांत पुलिस को उसकी संलिप्तता इस घटना में नहीं प्रतीत होने पर उसे छोड़ते हुए पैनी नजर रखी जा रही थी।

एक सप्ताह से संजय कर रहा था रेकी

व्यवसायी के घर डकैती की घटना को अंजाम देने को लेकर संजय अपने साथी राजकुमार के साथ एक सप्ताह से रेकी कर रहा था। इस क्रम में संजय व्यवसायी के घर आने जाने वाले रास्ते से लेकर छत की ओर से घर में प्रवेश करने समेत अन्य चीजों की जानकारी जुटा रहा था। इसके बाद पलामू समेत अन्य स्थानों से अपने सहयोगियों को हरवे हथियार के साथ बुलाकर घटना को अंजाम दिया था।

रामगढ़ में दिया था डकैती कांड को अंजाम

संजय वैसे तो पूर्व में स्थानीय दुकानों में लेथ मशीन आपरेटर का काम करता था। इसके बाद उसने कुछ लोगों के साथ मिलकर अपनी राह बदल लिया। इसके बाद वर्ष 2016 में ही रामगढ़ में एक व्यवसायी के घर भीषण डकैती की घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में रामगढ़ थाने में प्राथमिकी भी दर्ज है। वह हाल ही में जेल से छुटा है। जेल में ही उसकी दोस्ती अन्य जिलों के अपराधियों से हुई थी। वहीं घटना में शामिल धनबाद का भुवनेश्वर बेलदार भी डकैती की घटना को अंजाम देने का पूर्व से आरोपित रहा है। उसके खिलाफ धनबाद बैंक मोड़ थाने में प्राथमिकी दर्ज है। जबकि दो फरार रहने वाले अपराधकर्मी भी पूर्व से डकैती मामले के आरोपित रहे हैं।

जेल से छुटे लोग लिए गए थे हिरासत में

मामले का खुलासा करने को लेकर अलग-अलग जगहों पर छापेमारी करते हुए 70 से अधिक वैसे लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था जो अपराध के मामले में जेल से छुट कर बाहर आए हुए थे। इसके अलावा अन्य को भी संदेह के आधार पर पकड़ा गया था जिन्हे बाद में छोड़ दिया गया था।

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