गजलीटांड़ में आज ही के दिन 79 खनिकों ने ले ली थी जलसमाधि

संवाद सहयोगी कतरास गजलीटांड़ हादसा 26 सितंबर को 26 वां वर्ष पूरा हो जाएगा। इतने वर्ष बीत

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 06:08 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 06:08 AM (IST)
गजलीटांड़ में आज ही के दिन 79 खनिकों ने ले ली थी जलसमाधि
गजलीटांड़ में आज ही के दिन 79 खनिकों ने ले ली थी जलसमाधि

संवाद सहयोगी, कतरास: गजलीटांड़ हादसा 26 सितंबर को 26 वां वर्ष पूरा हो जाएगा। इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी हादसे से जुड़े कई पहलु अनसुलझे हैं। 25 सितंबर 1995 की काली रात गजलीटांड़ कोलियरी सहित बीसीसीएल के लिए प्रलयंकारी रात बन कर आई थी। गजलीटांड़ सहित अन्य जगहों के 79 कोल कर्मी काल कवलित हुए थे। सिर्फ गजलीटांड़ कोलियरी के छह नंबर भूमिगत खदान के 10 नंबर सिम में 64 श्रमिकों ने जल समाधि ली थी।

कतरी नदी का तटबंध टूटने से छह नंबर भूमिगत खदान में कार्य कर रहे 64 मजदूर काल के गाल में समा गए थे। उस दिन 331 मिलीमीटर बारिश हुई थी। नदी में पानी पूरे उफान पर था। इतनी बड़ी घटना की सूचना पर तत्कालीन कोयला मंत्री जगदीश टाइटलर, पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, जगन्नाथ मिश्रा, तत्कालीन सीएमडी जीसी मृग सहित कई जनप्रतिनिधि पहुंचे थे। 26 सितंबर की सुबह गजलीटांड़ में हाहाकार मच गया था। जस्टिस एस मुखर्जी की अध्यक्षता में मुखर्जी कमिशन/कोर्ट आफ इंक्वाइरी का गठन हुआ था। इसके एससेर इंटक के तत्कालीन महामंत्री स्व. राजेंद्र प्रसाद सिंह और भारतीय खनिज विद्या पीठ के प्रोफेसर एस. मजूमदार बनाए गए थे। लंबी अवधि तक कार्रवाई चली लेकिन अंतिम नतीजा आज तक सामने नहीं आ सका और घटना का रहस्य इतिहास के पन्नों में दबकर रह गया। शहीद कर्मियों की याद में स्थानीय लोगों के द्वारा प्रत्येक वर्ष फुटबाल टूर्नामेंट का आयोजन कराया जाता है। 26 सितंबर की सुबह से कुरान व गीता की पाठ के साथ सर्वधर्म प्रार्थना सभा तथा श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाती है। बीसीसीएल के वरीय अधिकारियों, यूनियन प्रतिनिधि, समाजसेवी के अलावा जनप्रतिनिधियों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। शहीद स्तंभ पर शहीद श्रमिकों के स्वजन के अलावा अन्य लोग भी श्रद्धांजलि देने आते हैं। इस बार भी वही परंपरा दोहराई जाएगी लेकिन इस हादसे का दोषी कौन था, इसपर से पर्दा इस बार भी नहीं उठ सकेगा।

chat bot
आपका साथी