DMC: 557 आंगनबाड़ी केंद्रों में पौष्टिक आहार रह गया सपना, केरल की तर्ज पर धनबाद नगर निगम को तैयार करना था भोजन
धनबाद नगर निगम क्षेत्र के 557 आंगनबाड़ी केंद्रों में पौष्टिक आहार पहुंचाने का लक्ष्य था। पर सब धरा रहा गया। लॉकडाउन हो गया अब निगम चुनाव की सुगबुगाहट चल पड़ी। इन सबके बीच योजना अटक गई। इस मामले में निगम के अधिकारी भी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
धनबाद, जेएनएन। नगर निगम ने पिछले वर्ष आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने की योजना बनाई थी। इस आहार से बच्चों को भरपूर मात्रा में जरूरी पौष्टिक चीजों के साथ कई महिलाओं को रोजगार भी मिलता। केरल की तर्ज पर नगर निगम में पौष्टिक आहार तैयार किया जाना था। दस-दस महिला समूहों की लगाई पांच यूनिटें लगती। प्रत्येक यूनिट से 110 आंगनबाड़ी केंद्रों में आहार की आपूर्ति की जानी थी, प्रत्येक बच्चे को प्रतिदिन 135 ग्राम आहार मिलता। लक्ष्य यही था कि लगभग 1700 महिला स्वयं सहायता समूहों में से अधिक से अधिक को रोजगार मिल सके।
इसके लिए धनबाद नगर निगम क्षेत्र के 557 आंगनबाड़ी केंद्रों में पौष्टिक आहार पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था। पर यह सब अब धरा का धरा रहा गया। साल शुरू हुआ तो कोरोना से बचाव को लॉकडाउन लग गया, अब नगर निगम चुनाव की सुगबुगाहट तेज होने लगी है। ऐसे में इन सबके बीच योजना अटक गई। अब इस मामले में नगर निगम के अधिकारी भी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
अपर नगर आयुक्त तिरुअनंतपुरम से लाए थे प्लान : दरअसल पूर्व अपर नगर आयुक्त संदीप कुमार केरल के तिरुवंनतपुरम के दौरे पर गए थे। उन्होंने अध्ययन किया कि केरल में कुदुंबश्री संस्था की ओर से टेक होम राशन के नाम से रेडी टू ईट पौष्टिक आहार आंगनबाड़ी केंद्रों में आपूर्ति की जा रही है। छह माह से तीन वर्ष के कुपोषित बच्चों के लिए आहार यहां की महिला स्वयं सहायता समूह की ओर से तैयार किया जा रहा है। जिसके तहत प्रत्येक बच्चे को प्रतिदिन 135 ग्राम आहार मिलेगा। इससे इन्हें 12 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह की आमदनी हो रही है। आहार की गुणवत्ता भी उच्च श्रेणी की है। केरल में 238 यूनिटें हैं, जहां से टेक होम राशन तैयार कर आंगनबाड़ी केंद्रों में आपूर्ति की जा रही है। एक यूनिट में छह महिलाएं शामिल हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए धनबाद नगर निगम में भी योजना बनाई थी।
एक यूनिट पर 12 से 15 लाख का खर्च : नगर क्षेत्र में 557 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें यह पौष्टिक आहार पहुंचाने की योजना थी। इसके लिए पांच यूनिटें लगाई जाती। एक यूनिट में दस महिलाओं का समूह का कार्य करेगा। एक यूनिट से 110 आंगनबाड़ी केंद्रों में आहार की सप्लाई होगी। एक यूनिट लगाने पर कम से 12 से 15 लाख रुपये का खर्च होने की संभावना थी। इसमें मिक्सर, ग्राइंडर, रोस्टर, चालने व सुखाने की मशीन, पैकेजिंग मशीन और रॉ मैटेरियल की खरीदारी शामिल था। 15 दिन में अगले 25 दिनों का आहार तैयार होता।