अब हर मौसम में जा सकेंगे लद्दाख, सिफर की तकनीक से बन रही सुरंग

नई दिल्ली में आयोजित सीएसआइआर टेक्नोलाजी अवार्ड समरोह जहा उप राष्ट्रपति ने सिंफर को सम्मानित किया

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 11:45 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 11:45 PM (IST)
अब हर मौसम में जा सकेंगे लद्दाख, सिफर की तकनीक से बन रही सुरंग
अब हर मौसम में जा सकेंगे लद्दाख, सिफर की तकनीक से बन रही सुरंग

धनबाद : केंद्रीय खनन एवं ईधन अनुसंधान संस्थान सिफर की तकनीक से बेहद खतरनाक और दुरुह हिस्से वाले भारत-चीन सीमा पर सड़क बन रही है। इस सड़क के बनकर तैयार हो जाने से आपात परिस्थिति में भारतीय सेना को काफी मदद मिल सकेगी। साथ ही कश्मीर की वादियों में सिफर की तकनीक से सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। 6.5 किमी लंबे जेड मोड़ सुरंग के बनकर तैयार हो जाने से सालोंभर लद्दाख जाने की ख्वाहिश पूरी हो जाएगी। सर्दी में बर्फीले पहाड़ लद्दाख जाने का रास्ता नहीं रोक सकेंगे।

सिंफर को अपनी इन्हीं वैज्ञानिक विशेषज्ञता और रणनीतिक व नागरिक बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए ही सोमवार को सीएसआइआर टेक्नोलाजी अवार्ड से नवाजा गया है। नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और विज्ञान एवं तकनीकी तथा पृथ्वी विज्ञान स्वतंत्र प्रभार मंत्री डा. जितेंद्र सिंह की मौजूदगी में सिफर को व्यापार विकास और प्रौद्योगिकी विपणन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सीएसआइआर टेक्नोलाजी अवार्ड-2021 सर्टिफिकेट आफ मेरिट प्रदान किया। इन्हें मिला सर्टिफिकेट आफ मेरिट

सिफर निदेशक डा. प्रदीप कुमार सिंह, डा. आदित्य राणा, डा. आरडी द्विवेदी, डा. सी सौम्लियाना, डा. एमपी राय और डा. मोरे रामुलू। सिफर की विकसित प्रौद्योगिकियों से सीमा पर सड़क निर्माण और सामरिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण लद्दाख को जोड़ने वाली सुरंग का निर्माण हो रहा है। देश में कच्चे तेल के भंडारण और परमाणु कचरे का सुरक्षित निबटारा करने में भी सिफर की तकनीक की मदद ली जा रही है।

- डा. प्रदीप कुमार सिंह, निदेशक सिफर

chat bot
आपका साथी