अब बीसीसीएल अधिकारियों के संगठन पर चुनाव कराने का दबाव Dhanbad News

जेबीसीसीआइ-11 में प्रतिनिधित्व को लेकर मजदूरों के संगठनों में इन दिनों काफी हलचल थी। यह थमी नहीं कि अधिकारियों के संगठन में भी भूचाल आ गया है। बीसीसीएल सीसीएल व डब्ल्यूसीएल शाखा के अध्यक्ष व महासचिवों को पत्र लिख कर जल्द से जल्द चुनाव कराने को कहा है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 11:50 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 11:50 AM (IST)
अब बीसीसीएल अधिकारियों के संगठन पर चुनाव कराने का दबाव Dhanbad News
जेबीसीसीआइ-11 में प्रतिनिधित्व को लेकर मजदूरों के संगठनों में इन दिनों काफी हलचल थी। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

धनबाद, जेएनएन : जेबीसीसीआइ-11 में प्रतिनिधित्व को लेकर मजदूरों के संगठनों में इन दिनों काफी हलचल थी। यह थमी नहीं कि अधिकारियों के संगठन में भी भूचाल आ गया है। कोल माइंस आफिसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव पीके सिंह ने बीसीसीएल, सीसीएल व डब्ल्यूसीएल शाखा के अध्यक्ष व महासचिवों को पत्र लिख कर जल्द से जल्द चुनाव कराने को कहा है। सिंह ने कहा है कि इससे पूर्व भी सभी शाखाओं से पत्राचार किया गया था लेकिन साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड को छोड़ किसी शाखा के पदाधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और चुनाव नहीं कराया। चुनाव को प्राथमिकता में लेने का आग्रह करते हुए सिंह ने कहा कि जल्द ऐसा नहीं करने पर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के तहत सख्त कदम उठाए जाएंगे।

वर्ष 2013 के बाद नहीं हुआ चुनाव :

जानकारी के मुताबिक सीएमओएआइ बीसीसीएल शाखा का पिछला चुनाव वर्ष 2013 में हुआ था। कायदे से प्रत्येक तीन वर्ष पर चुनाव कराना अनिवार्य है। बावजूद इसके बीसीसीएल, सीसीएल व डब्ल्यूसीएल में चुनाव नहीं कराया गया। फिलहाल संगठन के तमाम पदाधिकारी मनोनीत हैं। कोई भी अधिकारी चुने गए अधिकारी नहीं हैं। नियमानुसार बीसीसीएल शाखा को अपने सभी क्षेत्रों में भी कमेटी का चुनाव कराना जरूरी है। चुनाव नहीं होने की वजह से अधिकांश क्षेत्रीय कमेटियां भी भंग हैं।

पहले भी पत्र लिख चुका है एपेक्स बॉडी :

सीएमओएआइ का एपेक्स बॉडी पहले भी कई पत्र लिख चुका है। 2013 के चुनाव के बाद वर्ष 2016 में चुनाव हो जाना चाहिए था। इसमें देर होने पर 17 मार्च 2016 को एपेक्स बाडी के महासचिव पीके सिंह ने सभी कंपनियों की शाखाओं को पत्र लिख कर बताया था कि दिसंबर 2013 में एपेक्स बॉडी का चुनाव हो चुका है। अन्य शाखाएं व उप शाखाएं भी जून-जुलाई 2016 में चुनाव करवा लें। ऐसा नहीं होने पर ऐसा ही पत्र 12 अप्रैल 2017 को भी लिखा गया। कंपनियों की शाखाओं ने ध्यान नहीं दिया तो तीन दिसंबर 2018 व 29 अगस्त 2020 को भी पत्र लिखा गया। इस दौरान केंद्रीय समिति की ओर से बीसीसीएल, सीसीएल व डब्ल्यूसीएल में चुनाव पदाधिकारियों की नियुक्ति भी अपनी ओर से कर दी गई। बावजूद इसके चुनाव न हो सका।

फंड भी नहीं किया जा रहा जमा :

अगस्त 2020 में लिखे पत्र में केंद्रीय महासचिव ने कहा था कि पिछले पांच वर्ष से एपेक्स बॉडी का शेयर भी जमा नहीं किया जा रहा। इससे फंड की कमी हो गई है। ऐसे में एपेक्स बॉडी जरूरी कार्यक्रमों का भी आयोजन नहीं कर पा रहा है। बता दें कि महाप्रबंधक स्तर तक के अधिकारी सीएमओएआइ के सदस्य होते हैं। बीसीसीएल में 2000 के लगभग अधिकारी हैं। इनमें से 1800 अधिकारी सीएमओएआइ के सदस्य हैं। सभी अधिकारी प्रतिमाह 50 रुपये सदस्यता शुल्क सीएमओएआइ के खाते में जमा करते हैं। इनमें से 30 फीसद राशि क्षेत्रीय कमेटियों, 30 फीसद राशि अनुषंगी कंपनी स्तर की शाखा कमेटी व 40 फीसद राशि एपेक्स बॉडी के खाते में जाना होता है।

वर्जन

चुनाव की तैयारी की जा रही थी। इसी बीच कोरोना महामारी फैल गई। इस वजह से देर हो गई। स्थिति सुधरते ही हम चुनाव कराएंगे। इसकी तैयारी की जा रही है। इस वर्ष चुनाव हर हाल में करा लिया जाएगा। क्षेत्रीय कमेटियां भी गठित कर ली जाएंगी।

अनिरुद्ध पांडे, अध्यक्ष, सीएमओएआइ, बीसीसीएल

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