काहे का Corona Fighter जब दूसरों के नहीं आ सकते काम... धनबाद में 11,231 लोग हुए ठीक, सिर्फ 84 ने दिया प्लाज्मा
डॉक्टरों के अनुसार चुनिंदा मामले में ही संक्रमितों को प्लाज्मा थेरेपी दी जाती है। माइल्ड लक्षण वाले मरीजों को इसका ज्यादा फायदा मिलता है। इनमें यह 70 से 80 फीसद तक कारगर रहता है। वहीं वेंटिलेटर या गंभीर मरीजों पर 30 से 40 फीसद तक कारगर होता है।
धनबाद [ अभिषेक पोद्दार ]। धनबाद जिले में कोरोना की दूसरी लहर के बीच एक बार फिर से प्लाज्मा की मांग बढऩे लगी है। हर दिन कोरोना संक्रमितों के स्वजनों को प्लाज्मा के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है, लेकिन उन्हेंं प्लाज्मा नहीं मिल पा रहा है। दूसरी तरफ लोग भी प्लाज्मा देने से हिचक रहे हैं। जिले में कोरोना से अबतक 11,231 लोग ठीक हो चुके हैं, लेकिन अभी तक मात्र 84 लोगों ने ही प्लाज्मा दिया है। एसएनएमएमसीएच ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. अजय ने बताया कि अभी इक्का-दुक्का लोग ही प्लाज्मा दान करने आ रहे हैं। इनमें भी आम लोगों की संख्या काफी कम है। ज्यादातर सीआइएसएफ के जवान ही प्लाज्मा दान कर रहे हैं। डॉ. अजय के अनुसार, ब्लड बैंक में रविवार की शाम पांच बजे तक 26 यूनिट प्लाज्मा ही बचा हुआ था।
सामान्य मरीजों में 80 फीसद तक कारगर
डॉक्टरों के अनुसार, चुनिंदा मामले में ही संक्रमितों को प्लाज्मा थेरेपी दी जाती है। माइल्ड लक्षण वाले मरीजों को इसका ज्यादा फायदा मिलता है। इनमें यह 70 से 80 फीसद तक कारगर रहता है। वहीं वेंटिलेटर या गंभीर मरीजों पर 30 से 40 फीसद तक कारगर होता है। इसके साथ-साथ जिनमें एंटीबॉडी का लेवल 12 से ज्यादा हो, उनके लिए भी प्लाजमा थेरेपी कारगर है। डोनर भी वसूल रहे मनमाना पैसे : एसएनएमएमसीएच ब्लड बैंक में प्लाज्मा की कमी के कारण लोगों को खुद डोनर ढूंढऩा पड़ रहा है। ऐसे में डोनर स्वजनों से मनमाना पैसा भी वसूल रहे हैं। ऐसे दो-तीन मामले भी सामने आए हैं। किसी-किसी डोनर ने तो प्लाज्मा देने के नाम पर दस-दस हजार रुपये भी लिए हैं।
ब्लड बैंक में प्लाज्मा दान करने कम लोग ही आ रहे हैं। जबकि वर्तमान समय में मांग काफी बढ़ गई है। वर्तमान में 26 यूनिट प्लाज्मा ही बचा हुआ है। लोगों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए जागरूक करना होगा।
- डॉ. अजय कुमार, प्रभारी, एसएनएमएमसीएच ब्लड बैंक