Judge Uttam Anand की माैत के बाद सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जरूरत, धनबाद के 14 न्यायिक पदाधिकारी बिना सुरक्षा करते काम
न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के बाद न्यायिक पदाधिकारियों ने इंटरनेट मीडिया पर जस्टिस फार उत्तम आनंद मुहिम शुरू की है। न्यायिक पदाधिकारी अपने फेसबुक-वाट्सएप की डीपी व प्रोफाइल पिक्चर में जस्टिस फार उत्तम आनंद का लोगो लगाकर अपनी संवेदना व्यक्त कर रहे हैं।
विसं, धनबाद। जिले में कई संवेदनशील मुकदमे अदालतों में चल रहे हैं, लेकिन इनकी सुनवाई कर रहे न्यायिक पदाधिकारियों की सुरक्षा का प्रबंध नहीं है। धनबाद सिविल कोर्ट में 29 न्यायिक पदाधिकारी हैं, जिनमें 11 पदाधिकारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्तर के, चार अवर न्यायाधीश और 14 प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी हैं। जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अवर न्यायाधीश स्तर के अधिकारियों को तो जिला प्रशासन ने अंगरक्षक दे रखा है, परंतु प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारियों के पास कोई बाडीगार्ड नहीं है। न्यायिक दंडाधिकारियों के न्यायालयों में भी कई संवेदनशील मुकदमे चल रहे हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा भगवान भरोसे है। न्यायाधीश उत्तम आनंद के साथ हुई घटना के बाद न्यायकि दंडाधिकारियों की सुरक्षा का मुद्दा चर्चा में है।
जज के साथ नहीं था अंगरक्षक, शोकाज
28 जुलाई की सुबह जब न्यायाधीश उत्तम आनंद माॄनग वाक पर निकले थे, तब उनके साथ उनका सरकारी अंगरक्षक नहीं था। यदि अंगरक्षक साथ होता तो शायद घटना को टाला जा सकता था। इसी कारण शुक्रवार को एसएसपी ने न्यायाधीश की सुरक्षा में तैनात अंगरक्षक सौरव कुमार से स्पष्टीकरण मांगा है। जानकर यह मान रहे हैं कि अंगरक्षक पर निलंबन की कार्रवाई तय है। सूत्रों के अनुसार जब किसी न्यायिक पदाधिकारी को बाडीगार्ड दिया जाता है तो वह न्यायिक पदाधिकारी के साथ 24 घंटे उपलब्ध रहता है। इस मामले में बाडीगार्ड न्यायाधीश के साथ नहीं था।
इंटरनेट मीडिया पर 'जस्टिस फार उत्तम आनंद' मुहिम
न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के बाद न्यायिक पदाधिकारियों ने इंटरनेट मीडिया पर जस्टिस फार उत्तम आनंद मुहिम शुरू की है। शनिवार को विभिन्न न्यायिक पदाधिकारियों ने अपने फेसबुक-वाट्सएप की डीपी व प्रोफाइल पिक्चर में जस्टिस फार उत्तम आनंद का लोगो लगाकर अपनी संवेदना व्यक्त की और उनके लिए न्याय की मांग की। वहीं न्यायिक पदाधिकारियों की इस मुहिम में काफी संख्या में अधिवक्ता भी जुड़ गए हैं।