CIMFR: नीति आयोग के सदस्य ने Coal Gas Plant का किया उद्घाटन, जानिए इसकी खासियत

सीआइएमएफआर डिगवाडीह परिसर में कोल गैसीय प्लांट के उत्सर्जन क्षेत्र में पारा प्रबंधन में कोल गैसीय प्लांट के उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन नीति आयोग के सदस्य डा वीके सारस्वत ने किया। यह पेशेवरों उद्योग के लोगों पर्यावरण नियामक अधिकारियों के लिए ज्ञान और प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करेगा।

By MritunjayEdited By: Publish:Wed, 17 Nov 2021 02:09 PM (IST) Updated:Wed, 17 Nov 2021 02:09 PM (IST)
CIMFR: नीति आयोग के सदस्य ने Coal Gas Plant का किया उद्घाटन, जानिए इसकी खासियत
कोल गैसीय प्लांट का उद्घाटन करते डा. वीके सारस्वत ( फोटो जागरण)।

जागरण संवाददाता, जामाडोबा। सीएसआइआर-सीआइएमएफआर धनबाद के डिगवाडीह परिसर में कोल गैसीय प्लांट के उत्सर्जन क्षेत्र में पारा प्रबंधन में कोल गैसीय प्लांट के उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन नीति आयोग भारत सरकार के सदस्य डा वीके सारस्वत ने किया। इसके बारे में सिंफर के वरिष्ठ विज्ञानी डा. आशीष मुखर्जी ने बताया कि मानवजनित पारा उत्सर्जन के रूप में औद्योगिक गतिविधियों ने पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर इसके संभावित प्रभाव के कारण व्यापक ध्यान आकर्षित किया है। उत्सर्जन क्षेत्र में पारा प्रबंधन  के लिए उत्कृष्टता केंद्र सभी औद्योगिक क्षेत्रों में पारा के लिए वायु (गैस ) उत्सर्जन निगरानी के संबंध में क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके साथ ही कोयला से गैस का उत्सर्जन कर बहुउद्देश्यीय रसायन का निर्माण कर देश आत्म निर्भर बन पाएगा।

डा. मुखर्जी ने डा. सारस्वत को बताई खासियत

नीति आयोग के सदस्य के डा. मुखर्जी ने बताया कि गैस से यूरिया, मिथनाल, डीजल, पट्रोल,तथा दवा बनाया जा सकता है। जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। पूर्व में हम विदेश पर निर्भर थे, जिससे हमारा अर्थव्यवस्था प्रभावित होती थी। इसके अलावा यह केंद्र विभिन्न मौजूदा उत्सर्जन नियंत्रण प्रौद्योगिकियों जैसे ईएसपी, ग्रिप गैस डिसल्फराइजेशन, चयनात्मक/गैर-चयनात्मक उत्प्रेरक रिएक्टरों द्वारा एचजी कैप्चर का मूल्यांकन करने के लिए अनुसंधान एवं विकास कार्य करेगा। केंद्र स्टैक और कार्य क्षेत्र वायु उत्सर्जन निगरानी के लिए एक अत्याधुनिक सुविधा प्रदान करेगा।

उद्घाटन समारोह में उपस्थिति

उद्घाटन के माैके पर डा. सारस्वत के साथ सिम्फ़र के रिसर्चर चेयरमैन इएस द्वारिकादास,बरिष्ट बैज्ञानिक आशीष मुखर्जी, प्रकास चव्हाण, डॉ सुदीप्तो दत्ता, डॉ सूजन, डॉ विशाल चौहान, डॉ रुपेश कुमार सिंह आदि उपस्थित थे। यह प्रयोगशाला पेशेवरों, उद्योग के लोगों, पर्यावरण नियामक अधिकारियों के लिए ज्ञान और प्रशिक्षण केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा।

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