तीखा मिर्च घोल रहा किसान के जीवन में मिठास

संवाद सहयोगी निरसा कोरोना महामारी के कारण दूसरे प्रदेशों में कार्य कर रहे प्रवासी म

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 08:29 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 08:29 PM (IST)
तीखा मिर्च घोल रहा किसान के जीवन में मिठास
तीखा मिर्च घोल रहा किसान के जीवन में मिठास

संवाद सहयोगी, निरसा : कोरोना महामारी के कारण दूसरे प्रदेशों में कार्य कर रहे प्रवासी मजदूर अपने राज्यों को लौट चुके हैं या लौट रहे हैं। प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ना सरकार के लिए एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। सरकार कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ कर लोगों को कृषि कार्य की ओर उन्मुख करने की दिशा में प्रयासरत है। निरसा प्रखंड के सिजुआ पंचायत अंतर्गत मुरुंगडुंगरी निवासी हरिपद हेंब्रम लगातार व्यवसायिक खेती कर अपने को समृद्ध कर रहे हैं। वो न सिर्फ अपनी खेती करते हैं बल्कि ग्रामीणों को भी इस दिशा में लगातार प्रेरित करते हैं। धनबाद पहली बार अनानास की खेती की शुरुआत करने के बाद वर्तमान समय में हरिपद हेंब्रम मिर्च व हल्दी की खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं। कहने को तो मिर्च तीखा होता है लेकिन उसकी कमाई जीवन में मिठास घोलती है।

प्रयोग के तौर पर उन्होंने इस वर्ष तक में अपने खेत में एक सौ सूरजमुखी मिर्च के पौधे लगाएं हैं और इससे अच्छा व्यवसायिक लाभ ले रहे हैं।

कृषकों को व्यावसायिक खेती की ओर बढ़ाना चाहिए कदम : हेम्ब्रम

हरिपद हेंब्रम ने कहा कि सूर्यमुखी मिर्च का एक पौधा लगभग 2 वर्ष तक फल देता है। इसमें बार-बार मिर्च का पौधे लगाने के झंझट से छुटकारा मिलता है। प्रयोग के तौर पर उन्होंने इस वर्ष मार्च में 100 सूरजमुखी मिर्च के पौधे लगाए हैं। अब तक लगभग चार हजार रुपए की कमाई हो चुकी है। उन्होंने कहा कि हल्दी व मिर्च की आवश्यकता प्रतिदिन लोगों को होती है। हरी मिर्च बाजार में फटाफट बिक भी जाती है। यदि हरी मिर्च नहीं बिक रही है तो उसे सूखाकर आप लाल मिर्ची भी बना सकते हैं। उसका दाम और ज्यादा मिलता है। व्यवसायिक खेती के लिए अपने गांव के लोगों को इसके लिए वो प्रेरित भी कर रहे हैं। कहा कि किसानों को व्यवसायिक क्षेत्र की ओर उन्मुख करना होगा। सरकार को किसानों की उपज के लिए बाजार उपलब्ध कराना चाहिए। कभी-कभी किसानों को अपनी फसल औने-पौने दाम पर बेचना पड़ता है या उसका दाम नहीं मिलने पर फसल को खेत में ही नष्ट करना पड़ता है। इस कारण खासकर युवा वर्ग कृषि की ओर से मुंह फेर रहे हैं। सरकार को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए।

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