नीरज हत्याकांडः भाजपा विधायक संजीव सिंह के इशारे पर शूटर दागने लगे गोलियां

चश्मदीद गवाह आदित्य राज ने अपने बयान में बताया कि फायरिंग के बाद उसे किसी की आवाज सुनाई दी। कोई कह रहा था, चलअ हो संजीव भैया, सब मर गइल।

By mritunjayEdited By: Publish:Sat, 16 Feb 2019 11:50 AM (IST) Updated:Sat, 16 Feb 2019 11:50 AM (IST)
नीरज हत्याकांडः भाजपा विधायक संजीव सिंह के इशारे पर शूटर दागने लगे गोलियां
नीरज हत्याकांडः भाजपा विधायक संजीव सिंह के इशारे पर शूटर दागने लगे गोलियां

धनबाद, जेएनएन। पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के चश्मदीद गवाह आदित्य राज का बयान जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार दूबे की अदालत में शुक्रवार को दर्ज हुआ।  आदित्य ने कोर्ट में घटना का पूर्ण रूप से समर्थन किया। उसने कोर्ट में उन सारी बातों को दोहराया जिसे उसने धारा 164 के तहत दिये बयान व  कांड के अनुसंधानक निरंजन तिवारी को दिया था।  

आदित्य का बयान : आदित्य ने अपने बयान में कहा था कि 21 मार्च 2017 की शाम सात सवा सात बजे की यह घटना है। वह उस दिन नीरज सिंह की गाड़ी में घोलटू महतो, अशोक यादव और मुन्ना तिवारी के साथ था। शाम चार सवा चार बजे रघुकुल से कतरास मोड़ झरिया ऑफि स के लिए फॉर्च्यूनर गाड़ी से निकला था। शाम के लगभग 6.00 बजे उसी गाड़ी से वे लोग रघुकुल के लिए वापस आ रहे थे।   

गाड़ी की लाइट में संजीव सिंह को देखा : नीरज सिंह की गाड़ी स्टील गेट पार कर रोड पर बने ब्रेकर के पास पहुंची तो गाड़ी की लाइट से सामने देखा कि विधायक संजीव सिंह, गया सिंह, महंत पांडेय तथा पांच-सात अन्य लोग तेजी से नीरज सिंह की गाड़ी की ओर बढ़ रहे हैं।  

संजीव ने किया फायङ्क्षरग का इशारा : नीरज सिंह की गाड़ी को देखते ही संजीव सिंह ने अपने साथ आ रहे लोगों को इशारा किया। संजीव सिंह द्वारा इशारा करते ही सारे लोग अंधाधुंध फॉयरिंग करने लगे। नीरज आगे की सीट पर बैठे थे तथा बीच वाली सीट पर नीरज सिंह के पीछे मुन्ना तिवारी बैठे थे। वह चालक के पीछे सीट पर बैठा था। फॉयरिंग होने के कारण अपनी जान बचाने के लिए अशोक यादव के पीछे छुप गया। इसी क्रम में उसे दाहिने हाथ में गोली लगी। फॉयरिंग के कारण नीरज सिंह, अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और घोलटू महतो गोलियों से छलनी हो गए। 

संजीव समेत तीन को पहचाना : आदित्य ने संजीव सिंह, गया सिंह एवं महंत पांडेय के विषय में कहा कि वह उन्हें पूर्व से ही जानता है। चेहरा भी पहचानता है। उसने फायर करने वालों को पहचानने का दावा किया। 

चलअ हो संजीव भइया... सब मर गइलः नीरज हत्याकांड के चश्मदीद गवाह आदित्य राज ने अपने बयान में बताया कि फायरिंग के बाद उसे किसी की आवाज सुनाई दी। कोई कह रहा था, चलअ हो संजीव भैया, सब मर गइल। फिर मोटरसाइकिल स्टार्ट होने की आवाज सुनाई दी। फिर कुछ देर बाद उसने अपने मोबाइल से कॉल किया जिसे नीरज सिंह के छोटे भाई अभिषेक सिंह उर्फ  गुड्डू सिंह ने उठाया। उनको घटना के संबंध में बताया। कुछ ही देर में गाड़ी लेकर नीरज सिंह के भाई एकलव्य सिंह पहुंचे। वह एकल्वय सिंह एवं अन्य लोगों की सहायता से नीरज सिंह को गाड़ी से निकाला तथा एकलव्य सिंह की गाड़ी में रखकर सेंट्रल हॉस्पिटल ले गया। जहां कुछ देर बाद डॉक्टरों ने नीरज को मृत घोषित कर दिया। उस दिन उसका भी इलाज सेंट्रल हॉस्पिटल में हुआ था। 

पिस्टल व कारबाइन से हुई थी फॉयरिंग : संजीव सिंह एवं उनके साथ आ रहे लोगों के हाथ में पिस्टल एवं कारबाइन था, जिससे वे लोग अंधाधुंध फॉयरिंग कर रहे थे। सेंट्रल हॉस्पिटल में ही घटना के संबंध में अभिषेक सिंह एवं एकलव्य सिंह को बताया था।  

मझे भी लगी थी गोली : अंधाधुंध फॉयरिंग होने के कारण नीरज सिंह, अशोक यादव, मुन्ना तिवारी व घोलटू महतो को गोलियां लगी थी। उन लोगों की मौत हो गई थी। मुझे भी दाहिने हाथ में गोली लगी थी। मजिस्ट्रेट के सामने जेल में टीआइ परेड मे शूटरों को पहचाना भी था। 

पानी पी-पी कर दिया सवालों का जबाबः एक घंटे तक बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता बीएम त्रिपाठी, मदन मोहन दरिप्पा, मो जावेद, पंकज प्रसाद, कुमार मनीष, जया कुमार, देवी शरण सिन्हा ने आदित्य राज पर सवालों की बौछार की जिसका आदित्य ने जवाब दिया। हालांकि इस दौरान वो कई बार असहज हुआ तो पानी पी कर सवालों का जबाब देता रहा। दिन के 12.07 बजे से आदित्य का जिरह शुरू हुआ जो पौने दो बजे तक चला। अधिवक्ता जावेद ने बताया की समयाभाव के कारण शुक्रवार को गवाह आदित्य से जिरह पूरा नही हो सकी। शनिवार को उससे फि र जिरह किया जायेगा।  

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