न्यू मधुबन कोल वाशरी का 15 सितंबर तक ट्रायल: कोल इंडिया चेयरमैन

संवाद सहयोगी बाघमारा न्यू मधुबन कोल वाशरी का 15 सितंबर तक ट्रायल लिया जाएगा। निर्माण कार्य

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 09:59 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 09:59 PM (IST)
न्यू मधुबन कोल वाशरी का 15 सितंबर तक ट्रायल: कोल इंडिया चेयरमैन
न्यू मधुबन कोल वाशरी का 15 सितंबर तक ट्रायल: कोल इंडिया चेयरमैन

संवाद सहयोगी, बाघमारा: न्यू मधुबन कोल वाशरी का 15 सितंबर तक ट्रायल लिया जाएगा। निर्माण कार्य जल्द पूरा करने के लिए एचईसी के अधिकारियों के साथ समीक्षा की गई है। उम्मीद है कि इस वर्ष तक वाशरी कार्य करने लगेगी। यह बातें कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने गुरुवार को निर्माणाधीन मधुबन वाशरी के निरीक्षण के दौरान कही। चेयरमैन मधुबन वाशरी व ब्लाक दो क्षेत्र के दौरे पर आए थे।

उन्होंने कहा कि वाशरी के निर्माण कार्य में लगी एचईसी को इस कार्य को पहले ही पूरा कर लेना था, लेकिन कार्य में बिलंब हुआ है। सितंबर माह तक टेस्टिग की टाइम लाइन निर्धारित की गई है। इसके बाद जो भी समस्या होगी, उसका समाधान किया जाएगा। बीसीसीएल में भू-धसान व पुनर्वास पर कहा कि भू-धंसान की घटना की जानकारी नहीं है। रही पुनर्वास की बात तो इस पर कार्य लगातार हो रहा है। नए-नए लोग जमीनों पर आकर बसते जा रहे हैं, जिससे परेशानी हो रही है। अगर किसी की रैयती जमीन है, तो उसे पालिसी के तहत मुआवजा नियोजन दिया जाएगा।

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लेटलतीफी पर जताई नाराजगी

वाशरी मे निर्माण कार्य का जायजा लेने के बाद एचईसी के निदेशक मंडल के साथ एक घंटे तक उन्होंने बैठक की। बैठक में आठ साल तक वाशरी का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने पर नाराजगी जताई। एचईसी के अधिकारियों ने कोरोना काल का हवाला देकर कार्य में विलंब होने की बात कही, जिसे चेयरमैन ने सिरे से खारिज कर दिया। कहा कि निर्माण कार्य की समय सीमा वर्ष 2016 में ही समाप्त हो गई थी। फिर बिलंब क्यों हो रहा है। इस पर कोई ठोस जवाब एचईसी प्रबंधन नहीं दे पाया। चेयरमैन ने कहा कि सितंबर तक कार्य को पूरा कर वाशरी बीसीसीएल को हैंड ओवर करें। बैठक में तय हुआ कि सितंबर के पहले सप्ताह में वाशरी को पूरा कर ट्रायल किया जाएगा। इसके बाद जो तकनीकी खामियां होगी उसे दूर किया जाएगा। बैठक में सीएमडी पीएम प्रसाद, डीटी चंचल गोस्वामी, एचईसी के डायरेक्टर मार्केटिग राणा चक्रवर्ती, डीपी एमके सक्सेना, डीएफ अरुंधति पांडेय शामिल थी।

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ब्लाक दो माइंस का किया निरीक्षण, केशरगढ़ के विस्थापितों ने जताया विरोध निर्माणाधीन वाशरी के दौरे के क्रम में चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ब्लाक दो क्षेत्र के बीओसीपी माइंस पहुंचे। उन्होंने व्यू प्वाइंट से ड्रैग लाइन विभागीय पैच का अवलोकन किया। इस दौरान सीएमडी पीएम प्रसाद, डीटी चंचल गोस्वामी व जीएम चितरंजन कुमार ने भविष्य की योजनाओं से अवगत कराया। चेयरमैन ने कहा कि उत्पादन कार्य में जो भी परेशानी आ रही है, उसका समाधान करते हुए उत्पादन बेहतर किया जाए। डीटी ने विस्थापित केशरगढ़ गांव में जमीनी समस्याओं को बताते हुए जमीन अधिग्रहण का मामला रखा। उन्होंने कहा कि वर्षो पहले एग्रीमेंट के तहत लोग नियोजन मांग रहे हैं। जिस पर चेयरमैन ने कहा कि वर्तमान आरआर पालिसी से ही कार्य किया जा सकता है। मौके पर पीओ केके सिंह, मैनेजर केके दत्ता, उत्खनन अभियंता पीएन शर्मा सहित कई अधिकारी थे।

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केशरगढ के ग्रामीणों ने की नारेबाजी

कोल इंडिया चेयरमैन को अपनी समस्याओं से अवगत कराने के लिए केशरगढ़ के विस्थापित काफी संख्या में जमा थे। वे गांव की स्थिति तथा नियोजन मुआवजा नहीं मिलने से क्षुब्ध थे। विस्थापित चेयरमैन को मांग पत्र देने की कोशिश में थे, लेकिन बाघमारा थाना पुलिस व सीआइएसएफ के जवानों ने विस्थापितों को चेयरमैन से मिलने से रोक दिया। इससे नाराज विस्थापित नारेबाजी करने लगे। बाद में बाघमारा थाना प्रभारी के हस्तक्षेप से उनका मांग पत्र चेयरमैन के पास भेजवाया गया। विस्थापितों में मुखिया राजू रजक, दिवाकर महथा, संटू महथा, लखींद्र महथा, शिबू महथा, सुरेश रजक आदि मौजूद थे।

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हरिणा कालोनी में औषधि उद्यान की नींव रखी

संस, बरोरा: कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल का ब्लाक दो क्षेत्र के दौरे को यादगार बनाने के लिए क्षेत्रीय प्रबंधन द्वारा हरिणा कालोनी में पौधारोपण कराया गया। कालोनी उद्यान में उनके हाथों औषधीय पौधारोपण कर इसकी शुरुआत की गई। उनके साथ सीएमडी पीएम प्रसाद, डीटीपीपी चंचल गोस्वामी और निदेशक मंडली ने कई औषधि के पौधे लगाए। उन्होंने जीएम चित्तरंजन कुमार व क्षेत्रीय पर्यावरण संरक्षण पदाधिकारी उत्तम कुमार झा को इस मुहिम को और अधिक विस्तृत रूप से करने तथा उसके संरक्षण की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। अग्रवाल ने हर औषधीय पौधों की जानकारी ली और उसके औषधी गुणों को जाना। वहां से सीधे वे हरिणा गेस्टहाउस पहुंचे। वहां वो एक घंटे तक रहे।

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