Pune Returned Rupesh ने आपदा को बनाया अवसर, दुमका के लोगों के लिए बने प्रेरक

द हेरीटेज से दुमका को महानगरों जैसी नई पहचान मिलेगी। द हेरीटेज में क्लास वन रेस्टोरेंट मैरेज हाल लिफ्ट व स्विमिंग पुल से लैस अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होटल होगा। इसका निर्माण बहुआयामी सेवाओं को एक साथ मुहैया कराने के उद्देश्य से किया गया है।

By MritunjayEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 07:58 AM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 01:18 PM (IST)
Pune Returned Rupesh ने आपदा को बनाया अवसर, दुमका के लोगों के लिए बने प्रेरक
पुणे से लाैटकर रूपेश ने दुमका में शुरू किया कारोबार ( फाइल फोटो)।

राजीव, दुमका। झारखंड की उपराजधानी दुमका के लोगों के बीच दस्तक दे चुका है-द हेरीटेज का पहला हिस्सा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस रेस्टूरेंट। 10 सितंबर को इसकी विधिवत शुरूआत हुई। रुपेश एमबीए इन इंटरनेशनल बिजनेस की पढ़ाई दिल्ली से किए हैं। पढ़ाई पूरी करने के बाद करियर की शुरूआत पुणे में किया और फिर नौ साल से रांची में कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में काम कर रहे थे। कभी दुमका वापस लौटकर अपना बिजनेस सेटअप तैयार करने का ख्याल मन में नहीं था। रुपेश बताते हैं कि मन में ऐसा ख्याल कभी नहीं था लेकिन कोविड-19 संक्रमण और लाकडाउन के कारण विचार इस कदर बदला कि रांची छोड़कर बीते डेढ़ साल से दुमका में हैं। दुमका-रामपुरहाट मुख्य पथ पर कुसुमडीह से ठीक पहले सड़क की बाएं ओर द हेरीटेज का निर्माण करवा रहे हैं। कहा कि यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है। दुमका के लिए लाकडाउन का एक नायाब तोहफा भी। 

दुमका को मिलेगी नई पहचान

द हेरीटेज से दुमका को महानगरों जैसी नई पहचान मिलेगी। द हेरीटेज में क्लास वन रेस्टोरेंट, मैरेज हाल, लिफ्ट व स्विमिंग पुल से लैस अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होटल होगा। इसका निर्माण बहुआयामी सेवाओं को एक साथ मुहैया कराने के उद्देश्य से किया गया है ताकि दुमका में क्वालिटी लाइफ स्टाइल जीवन जीने का सपना साकार हो सके। रुपेश ने 10 सितंबर को रेस्टोरेंट की शुरूआत की। जबकि शेष प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। 

झारखंड के कई युवाओं को मिला नौकरी का अवसर

द हेरीटेज का रेस्टोरेंट प्रोजेक्ट शुक्रवार से प्रारंभ हो जाएगा। इसके लिए सेफ ट्रायल की प्रक्रिया पूरी हो गई है। खास बात यह कि इस रेस्टोरेंट में काम करने वाले सेफ व कई कर्मी झारखंड के हैं। मधुपुर के निवासी मियाज अंसारी पहले छत्तीसगढ़ में काम करते थे। लाकडाउन के कारण परेशानी में थे। मियाज चहकते हुए कहते हैं कि अब अपने घर में नौकरी का अवसर मिला है। मियाज यहां तंदूर में सीनियर सीडीपी के पद पर अपनी सेवा देंगे। गिरिडीह के आशीष यहां शू सेफ के पद पर अपनी सेवा देंगे। इससे पहले हैदराबाद में थे। लाकडाउन में नौकरी चली गई थी। बीते तीन माह से कोलकाता में काम कर रहे थे लेकिन अब दुमका में आकर खुश हैं। कहा कि घर-परिवार के बीच रहकर अब इस कठिन दौर में नौकरी करना काफी सुखद है। बंगलोर में काम करने वाले राहुल भी अब खुश हैं। लाकडाउन के कारण जब घर वापस लौटे थे तब दोबारा इनके स्वजनों ने वापस नहीं जाने दिया। राहुल ने कहा कि दुमका में मन के लायक काम मिला है और क्या चाहिए। बहुत खुश हैं। आकाश दुमका के स्थानीय हैं। पढ़-लिख कर नौकरी के तलाश में थर और मन की मुराद पूरी हो गई। यहां हाउस कीपिंग की जिम्मेवारी दी गई है।

डेढ़ दर्जन लोगों को मिली नौकरी

झारखंड के विभिन्न शहरों के अलावा कोलकाता, आसनसोल समेत कई क्षेत्रों के तकरीबन डेढ़ दर्जन लोगों को यहां विभिन्न पदों नौकरी दी गई है। जिसमें किचेन डिपार्टमेंट में नौ, फूड एंड बिवरेज में छह और हाउस कीपिंग में तीन लोगों को रोजगार मिला है। खास बात यह कि इस रेस्टोरेंट में इंडियन, चायनीज, कांटिनेंटल और तंदूर का जायका एक साथ मिल सकेगा। मोबाइल पर मेन्यू, आनलाइन भुगतान से लेकर ई-बिल की सुविधाएं भी ग्राहकों को मिलेगी।

लाकडाउन के दौरान ऐसा महसूस हुआ कि जीवन जीने का आनंद अपनों के बीच है। इसी सोच के साथ दुमका में द हेरीटेज की शुरुआत कर रहे हैं। दुमका में पहली बार चार व पांच सितारा होटलों जैसी अत्याधुनिक व्यवस्था से दुमका के लोग पहली बार रूबरू होंगे।

-रूपेश, दुमका

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