Jamtara Cyber Fraud: त्योहारों पर आनलाइन खरीददारी करें, मगर संभल कर

आनलाइन शापिंग प्लेटफार्म पर जाते ही आपको वैसे ही मिलते-जुलते कई विकल्प दिखेंगे। यदि आप गलत विकल्प में अपनी विवरणी डालते हैैं तो यकीनन ठगी के शिकार बन जाएंगे। साथ ही आपके मोबाइल के मैसेज बाक्स में भी इस फेस्टिवल सीजन पर कई अनजान नंबर से मैसेज आ सकते हैं।

By MritunjayEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 12:17 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 12:17 PM (IST)
Jamtara Cyber Fraud: त्योहारों पर आनलाइन खरीददारी करें, मगर संभल कर
आनलाइन खरीदारी में ठगी ( सांकेतिक फोटो)।

कौशल सिंह, जामताड़ा। जामताड़ा का करमाटांड़ स्टेशन। करमाटांड़ वो जगह है जहां के गांवों में साइबर ठगी को अपराध नहीं बल्कि हुनर समझा जाता है। गुरुवार की सुबह करमाटांड़ स्टेशन के नजदीक चार युवक कुल्हड़ की चाय की चुस्की ले रहे हैैं। वे धनतेरस, दीपावली एवं छठ पर्व को अपनी तिजोरी भरने के सुनहरा मौका बता रहे हैैं। एक युवक झिलिया गांव का है तो दूसरा रामपुर का। वे बतिया रहे हैैं कि त्योहारों में आनलाइन खरीददारी खूब हो रही है। थोड़ा दिमाग लगाया जाय तो कुछ लोग झांसे में जरुर आ जाएंगे। युवक आपस में चर्चा कर रहे हैैं कि त्योहार का आफर देकर कई लोगों के खाते में लाखों रुपये आ चुके हैैं। खैर, करमाटांड़ स्टेशन पर इकट्ठा हुए युवकों की बातों पर यकीन करे तो त्योहारों के मौसम में लोगों की कमाई पर हाथ की सफाई को तैयार हैैं। जामताड़ा की साइबर पुलिस को इसकी भनक लग चुकी है। साइबर थाना के प्रभारी हरेंद्र कुमार कहते हैैं, फेस्टिव आफर के जरिए लोगों के साथ ठगी हो सकती है। सो, सावधान रहे।

आनलाइन शापिंग में गलत विकल्प चुना तो लग जाएगा चूना

आनलाइन शापिंग प्लेटफार्म पर जाते ही आपको वैसे ही मिलते-जुलते कई विकल्प दिखेंगे। यदि आप गलत विकल्प में अपनी विवरणी डालते हैैं तो यकीनन ठगी के शिकार बन जाएंगे। साथ ही आपके मोबाइल के मैसेज बाक्स में भी इस फेस्टिवल सीजन पर कई अनजान नंबर से मैसेज आ सकते हैैं। काल कर भी लुभावने आफर का प्रलोभन मिलेगा। जैसे-जैसे आप उनके निर्देशों को फालो करते जाएंगे, आपकी डिटेल उन तक पहुंचती जाएगी। ऐसे में आप अपनी रकम गंवा सकते हैं।

इसलिए अपना तरीका बदल रहे शातिर

जामताड़ा में मोबाइल रिचार्ज के जरिए एक मोबाइल कंपनी से फ्राड शुरू किया था। धीरे-धीरे साइबर ठगी का नया तरीका ईजाद होता गया। इसके बाद बैंक प्रबंधक बनकर एकाउंट अपडेट, एटीएम क्लोङ्क्षनग, यूपीआइ के जरिए ठगी, मूवी क्विक साफ्टवेयर, पेटीएम समेत अन्य मनी ट्रांजेक्शन एप के जरिए साइबर ठगी की जाती रही। कोरोना काल में कोविड एप के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बनाया। अब जैसे फेस्टिव सीजन आया तब साइबर अपराधी फेस्टिव आफर के नाम पर लोगों को ठगने को तैयार है।

फेस्टीवल आफर वाले मैसेज को नजरंदाज कर दें। आनलाइन शाङ्क्षपग के दौरान भी एहतियात बरतें तभी साइबर ठगी को रोकना संभव हो सकेगा। साइबर क्राइम करने वाले रोजाना ठगी के लिए नए हथकंडे अपना रहे हैं।

-हरेंद्र कुमार, इंस्पेक्टर, साइबर थाना, जामताड़ा।

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