पिछले दो वर्षों में नक्सल गतिविधियों को शुन्य कर चुका Dhanbad, नौ-छौ में चल रहा गिरिडीह व बोकारो में
धनबाद में पिछले दो साल में अब तक एक भी नक्सल गतिविधि नहीं हुई है। नौ वर्ष पहले नक्सलियों ने हत्या की घटना को अंजाम दिया था। वहीं बोकारो में अब तक छह तो गिरिडीह में नौ नक्सली घटना घट चुकी है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: धनबाद जिला में नक्सली लगभग समाप्ति की ओर है। वर्ष 2020 और 2021 में अभी तक नक्सलियों की कोई गतिविधि को लेकर मामला दर्ज नहीं किया गया है। वहीं वर्ष 2013 से नक्सलियों ने धनबाद जिला में किसी की हत्या नहीं की है। यह आकड़ा धनबाद पुलिस का है। इसको लेकर एसएसपी संजीव कुमार कहते है कि यह उनका लक्ष्य है कि धनबाद में नक्सलियों को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए।
पड़ोसी जिले में भी स्थिति ठीक: पुलिस आकड़ो के अनुसार धनबाद के पड़ोसी जिले में भी नक्सलियों की गतिविधि ज्यादा नहीं है। इसमें देवघर, जामताडा़ और पाकुड़ में पिछले दो वर्षों में एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है। वहीं गिरीडीह में नौ और बोकारो में छह मामले दर्ज किए गये है।
चाईबासा में सबसे ज्यादा मामले: नक्सली हमले के चाईबासा में सबसे ज्यादा मामले दर्ज किये गये है। दो वर्ष में चाईबासा में 118 मामले दर्ज किए है। लातेहार में 77, खुंटी में 59, चतरा में 46 और रांची में 37 मामले नक्सलियों के दर्ज किए गये है।
धनबाद पुलिस की नक्सलियों पर उपल्बधियां
14 जूलाई 2020: धनबाद के तोपचांची में जैप कैंप पर हमला कर 13 जवानों की हत्या में आरोपित एक लाख रुपये के इनामी नक्सली तूफान मांझी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। धनबाद व गिरीडीह पुलिस की संयुक्त छापामारी में तूफान मांझी उर्फ किशोर चंद किस्कू को पीरटांड के झरहा स्थित अपने गांव से गिरफ्तार किया गया था।
12 जून 2021: पांच लाख के इनामी नक्सली सब जोनल कमांडर नूनुचंद महतो उर्फ गांधी ने पुलिस के सामने सरेंडर किया था। उसके खिलाफ धनबाद के तोपचांची, हरिहरपुर, राजगंज व टुंडी समेत गिरिडीह के मधुबन, पीरटांड़, डुमरी, निमियाघाट, तोपचांची थाने में दर्जनों मामले दर्ज है। वह इनामी नक्सली अजय महतो व राम दयाल महतो के करीबी था। वर्ष 2020 में होली से ठीक पहले ताेपचांची पुलिस ने नुनुचंद को पकड़ा था। मगर वह पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहा।