Dhanbad: अगले जन्म मोहे किन्नर न कीजो, भागा झरिया में तीन दिवसीय राष्ट्रीय किन्नर सम्मेलन का आयोजन

सम्मेलन का आयोजन झारखंड प्रदेश किन्नर समाज की अध्यक्ष 80 वर्षीय बुजर्ग किन्नर जामाडोबा निवासी छमछम देवी ने किया। देश के विभिन्न कोने से आए किन्नर एक दूसरे से मिलकर अपना हाल-चाल और दर्द बयां किया। लगभग सभी किन्नरों के दिलों में एक ही दर्द छिपा था।

By Atul SinghEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 11:42 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 12:41 PM (IST)
Dhanbad: अगले जन्म मोहे किन्नर न कीजो, भागा झरिया में तीन दिवसीय राष्ट्रीय किन्नर सम्मेलन का आयोजन
हमेशा खुश रहने व दिखने वाली लगभग सभी किन्नरों के दिलों में एक ही दर्द छिपा था। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

गोविंद नाथ शर्मा, झरिया: किन्नर यानी न नर न नारी। तृतीय लिंग के इस मानव प्राणी को लोग किन्नर के अलावा हिजड़ा, उभयलिंगी, पवैया, छक्का, मेहला, कोठी और थर्ड जेंडर के नामों से भी पुकारते हैं। अखिल भारतीय किन्नर समाज का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन काले हीरे की नगरी झरिया के भागा स्थित अनिल टॉकीज वेडिंग हॉल में 22 सितंबर से शुरू हुआ। 24 सितंबर को पगड़ी रस्म के साथ सम्मेलन का समापन होगा। झारखंड के अलावा बिहार और पश्चिम बंगाल के लगभग दो हजार किन्नर सम्मेलन में आए हैं। कई रईस किन्नर अपनी चमचमाती कार से तो कई ट्रेन से यहां पहुंची हैं। सम्मेलन का आयोजन झारखंड प्रदेश किन्नर समाज की अध्यक्ष 80 वर्षीय बुजर्ग किन्नर जामाडोबा निवासी छमछम देवी ने किया। देश के विभिन्न कोने से आए किन्नर एक दूसरे से मिलकर अपना हाल-चाल और दर्द बयां किया। ऊपर से हमेशा खुश रहने व दिखने वाली लगभग सभी किन्नरों के दिलों में एक ही दर्द छिपा था। इसका कई किन्नरों ने बेबाकी से साझा भी किया। कहा कि यह जीवन बहुत कठिन और भारी है। हम न नर न नारी हैं। पता नहीं किस पाप की सजा हम लोगों को मिली है। ईश्वर से हम सब यही प्रार्थना करते हैं कि अगले जन्म मोहे किन्नर न कीजो।

सर्वधर्म में विश्वास रखती हैं किन्नर : छ्मछम देवी

किन्नर अपने अंदर अपार दुख सहते हैं। लोगों से मजाक कर गाना गाकर, नाच दिखा कर अपना दिल बहलाते हैं। सर्वधर्म पर इनका विश्वास होता है। हिंदू, मुस्लिम, सिख ईसाई किसी से ये भेदभाव नहीं करते हैं। झारखंड प्रदेश किन्नर समाज के अध्यक्ष छमछम देवी कहती हैं कि इस धरती के सभी लोग हमारे लिए समान हैं। सर्वधर्म में हम विश्वास रखते हैं। मंदिर में पूजा के अलावा मजार में चादरपोशी भी करते हैं। गुरुद्वारा में भी जाकर माथा टेकते हैं। राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान किन्नरों ने स्थानीय मंदिर में पूजा के बाद घंटा दान कर किया। चिमनी शाह बाबा के मजार पर चादरपोशी कर सर्वधर्म की मिसाल पेश की।

बहुत कठिन है किन्नरों का जीवन 

किन्नरों का जीवन बहुत कठिन होता है। यह बात भागा झरिया के सम्मलेन में आए लगभग सभी किन्नरों ने कही। कहा कि किन्नर होने का पता चलने के बाद परिवार के लोग भी उपेक्षा करने लगते हैं। इसके बाद किन्नर समाज हमें अपना लेता है। माता-पिता, भाई-बहन और रिश्तेदारों से नाता टूट जाता है। सामूहिक रूप से किन्नरों के साथ रहना नियति बन जाती है। जन्मदिन और शादी के अवसर पर नाचना, गाना ही जीवन बन गया है। परिवार के लोग भी लोकलाज के भय से हमें भूल जाते हैं। नाच गाना करते- करते जीवन का अंत हो जाता है।

झारखंड में जल्द थर्ड जेंडर बोर्ड गठन करने की उठी मांग 

तीन दिवसीय किन्नर सम्मेलन में झारखंड सरकार से जल्द थर्ड जेंडर बोर्ड गठन की मांग की गई। सरकार से किन्नर समाज को संरक्षण शिक्षा, सरकारी योजनाओं का लाभ देने की आवाज किन्नरों ने उठाई। कार्यक्रम में शामिल हुए झामुमो के विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने उनकी बात को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। सम्मेलन में किन्नर समाज के बीच क्षेत्र को लेकर चल रहे विवाद को छ्मछम देवी व अन्य ने सुलझाया। सम्मेलन में कोलकाता से किन्नर अपर्णा बनर्जी, अलविया नायक, पूजा नायक, बिहार से नवाब नायक, मीना नायक, गुड़िया नायक झारखंड से छमछम देवी, अनवर नायक निर्मला, श्वेता, राखी, रेखा, काजल किन्नर मुख्य रूप से शामिल हुए।

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